पिछले हफ्ते एफपीआई द्वारा भारतीय इक्विटी मार्केट में 20,024 करोड़ रुपये की निकासी की गई है। बिकवाली के कारण निफ्टी और सेंसेक्स में क्रमश: 2.7 और 2.2 प्रतिशत की बिकवाली की गई है।
हालांकि, इस दौरान प्राथमिक बाजारों में एफपीआई ने 17,145 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। इसकी वजह बाजार में बड़े आईपीओ का आना था।
अगर प्राथमिक बाजार की खरीदारी को जोड़ दिया जाए तो एफपीआई की शुद्ध बिकवाली का आंकड़ा 85,790 करोड़ रुपये है।
एफपीआई की लगातार बिकावाली के कारण बाजार का रुझान नकारात्मक हुआ है। निफ्टी अपने ऑल-टाइम हाई से करीब 8 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
बाजार के जानकारों का कहना है कि एफपीआई द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली छोटी अवधि में जारी रह सकती है, क्योंकि मध्य पूर्व में तनाव और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे को लेकर अनिश्चितता है।
अक्टूबर में अब तक करीब सभी कारोबारी सत्रों में एफपीआई की ओर से बिकवाली की गई है। दूसरी तरफ शेयर बाजार के लिए घरेलू संकेत मजबूत बने हुए हैं।
परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) डेटा और वित्त वर्ष 25 के लिए जीडीपी विकास दर का अनुमान मजबूत बना हुआ है।
जानकारों का कहना है कि वैल्यूएशन में नरमी, वित्त वर्ष 25 की दूसरी छमाही में आय बढ़ने और 2025 में आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से बाजार को सहारा मिलेगा।
साथ ही बताया कि हाल ही में आया मैन्युफैक्चरिंग डेटा से सुझाव मिलता है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में रिकवरी देखने को मिल सकती है।