प्रधानमंत्री ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा आयोजित कौशल दीक्षांत समारोह 2024 – कौशल दीक्षांत समारोह में एक लिखित संदेश में यह बात साझा की।
कौशल उत्कृष्टता के प्रति स्नातकों के समर्पण पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने समारोह को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। उन्होंने कहा ये न केवल छात्रों के प्रशिक्षण को पूरा करने का उत्सव है, बल्कि उनके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है।
आगे कहा- इन युवा पेशेवरों द्वारा प्राप्त किए गए कौशल में भारत के विकास को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूत करने की अपार क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने कुशल युवाओं की अहम भूमिका को भारत की सबसे बड़ी शक्ति माना। उन्होंने कहा कि, युवा कार्यबल की विशेषज्ञता और संख्या के कारण वैश्विक स्तर पर कुशल प्रतिभा के पावरहाउस के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि युवाओं को सशक्त बनाने पर केंद्रित भारत सरकार का एमएसडीई अपनी नीतियों के साथ, भविष्य के लिए तैयार, वैश्विक रूप से प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने आशा व्यक्त किया कि इंटर्नशिप के अवसरों में इजाफा, तकनीकी शिक्षा को अपग्रेड कर और मूल्यवान अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के माध्यम से, भारत के युवा पेशेवर वैश्विक कार्यबल पर स्थायी प्रभाव डालेंगे और विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की यात्रा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
इस कार्यक्रम का आयोजन 15,000 से अधिक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) और 33 राष्ट्रीय कौशल विकास संस्थानों (एनएसटीआई) में एक साथ किया गया, जिसमें देश के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर प्राप्त किया गया।
पीएम ने आईटीआई और एनएसटीआई से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) और शिल्प प्रशिक्षक प्रशिक्षण योजना (सीआईटीएस) के टॉपर्स को शुभकामानाएं दीं।