शेयर बाजार का प्रदर्शन पिछले हफ्ते उतार-चढ़ाव भरा रहा। हालांकि, मुख्यू सूचकांक हरे निशान में बंद होने में कामयाब रहे। निफ्टी 123 अंक या 0.51 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,304 और सेंसेक्स 321 अंक या 0.41 प्रतिशत की तेजी के साथ 79,724 पर था।
28 अक्टूबर से 1 नवंबर तक चले कारोबारी सत्रों में सेक्टोरल रोटेशन देखा गया। आईटी इंडेक्स जो कि इससे पहले के हफ्ते में मजबूती के साथ बंद हुआ था। उसमें 4 प्रतिशत की गिरावट हुई। बैंक निफ्टी जो कि इससे पहले के हफ्ते में कमजोर थ। इस दौरान बैंकिंग इंडेक्स में करीब 1.75 प्रतिशत की तेजी देखी गई।
शेयर बाजार में बीते हफ्ते तेजी आने की वजह आईसीआईसीआई बैंक, फेडरल बैंक और एलएंडटी जैसी कंपनियों की ओर से अच्छे नतीजे पेश करना है। इससे अलावा मजबूत घरेलू आर्थिक आंकड़ों से भी बाजार को साहारा मिला है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में भारत का राजकोषीय घाटा 4.75 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह वित्त वर्ष 2024-25 के लक्ष्य का 29.4 प्रतिशत है। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 7.02 लाख करोड़ था।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा बीते हफ्ते करीब 14,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की गई थी। अक्टूबर में एफआईआई ने कुल 1.2 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की है। बीते पूरे महीने के दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 1.07 लाख करोड़ रुपये शेयर बाजार में निवेश किए हैं।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीणा का कहना है कि इंडेक्स 24,500 का स्तर नहीं पार कर पा रहा है। फिलहाल सपोर्ट 24,000 से लेकर 23,900 पर है। अगर यह इसे तोड़ता है तो निफ्टी अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज 23,500 को टेस्ट करने जा सकता है। वहीं, 24,500 और 24,650 एक मजबूत रुकावट का स्तर है।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज की डायरेक्टर पलका अरोड़ा चोपड़ा का कहना है कि बैंक निफ्टी ने इस हफ्ते मजबूती दिखाई है और 1.75 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ है। इसका मजबूत सपोर्ट 51,000 के स्तर पर है। अगर यह टूटता है तो 50,500 के स्तर देखने को मिल सकते हैं। वहीं, ऊपरी स्तरों पर 51,800 और 52,300 आ सकते हैं। सेटअप को देखते हुए निवेशकों को 'तेजी पर बिकवाली' की रणनीति को अपनाना चाहिए।