न्यूयॉर्क, 16 नवंबर ( आईएएनएस): । मैनहैटन के अभियोजक एल्विन ब्रैग ने भारत को 1,440 प्राचीन कलाकृतियां लौटाई हैं, जिनमें पवित्र मंदिरों की मूर्तियां भी शामिल हैं। ये सभी मूर्तियां तस्करी के जरिए अमेरिका पहुंचाई गई थीं।
ये प्राचीन वस्तुएं न्यूयॉर्क में भारतीय वाणिज्य दूतावास में एक समारोह के दौरान कॉन्सुल मनीष कुल्हारी को सौंपी गईं। इसे होमलैंड सिक्योरिटी इन्वेस्टिगेशन (एचएसआई) समूह की प्रमुख एलेक्जेंड्रा डीआर्मास ने प्रस्तुत किया।
ब्रैग ने कहा, "हम भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को निशाना बनाने वाले तस्करी नेटवर्क की जांच जारी रखेंगे।"
ये प्राचीन वस्तुएं तस्करी नेटवर्क की जांच के दौरान बरामद की गईं। इसमें कुख्यात तस्कर सुभाष कपूर (जो भारत में दोषी करार दिया गया है) और नैन्सी वीनर (अमेरिका में दोषी) से संबंधित मामले शामिल हैं।
एचएसआई न्यूयॉर्क के विशेष एजेंट विलियम एस. वॉकर ने कहा, "आज की वापसी हमारी कई सालों की अंतरराष्ट्रीय जांच की एक और बड़ी जीत है।"
कुछ प्राचीन मूर्तियां संग्रहालयों में प्रदर्शित थीं, जिन्हें मैनहैटन अभियोजक की प्राचीन वस्तु तस्करी इकाई (एटीयू) ने जब्त किया। इनकी कुल कीमत 10 मिलियन डॉलर बताई गई है।
अमेरिका में कपूर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है, और उसे भारत से प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया जारी है।
इनमें से एक मूर्ति नर्तकी की है, जिसे 1980 के दशक में मध्य प्रदेश के एक मंदिर से चुरा लिया गया था। तस्करों ने इसे दो हिस्सों में काटकर पहले लंदन और फिर न्यूयॉर्क भेजा था।
दूसरी एक प्राचीन मूर्ति तनेसर की देवी की है जिसे राजस्थान के तनेसर-महादेव गांव से 1960 के दशक में चोरी किया गया था। यह न्यूयॉर्क की एक गैलरी में पहुंची। दो संग्रहकर्ताओं के हाथों से गुजरने के बाद 2022 में एटीयू ने इसे भी जब्त कर लिया।
इन प्राचीन वस्तुओं को वापस लाने का यह प्रयास अमेरिका द्वारा भारत को उसकी सांस्कृतिक धरोहर लौटाने की एक और कड़ी का हिस्सा है।
वाशिंगटन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन का इन धरोहरों को लौटाने के लिए धन्यवाद भी किया था। पीएम मोदी ने कहा था, "हमारे लिए यह केवल कला नहीं, बल्कि हमारी विरासत, संस्कृति और धर्म का हिस्सा है। जब यह खोई हुई धरोहर वापस आती है, तो इसे बहुत भावनात्मक तरीके से स्वीकार किया जाता है।"
इसके तुरंत बाद, मैनहट्टन प्रॉसिक्यूटर ऑफिस ने भारत को 105 प्राचीन वस्तुएं सौंपी थी।
2022 में, ब्रैग ने 307 प्राचीन वस्तुएं भारत के वाणिज्य दूतावास को सौंपी, जिनकी कीमत लगभग 40 लाख डॉलर थी। उन्होंने उस समय कहा था, "कपूर दुनिया के सबसे बड़े प्राचीन वस्तु तस्करों में से एक था।"
कपूर न्यूयॉर्क में एक आर्ट गैलरी चलाता था। उसको 2011 में जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था। इस ऑपरेशन को "ऑपरेशन हिडन आइडल" नाम दिया गया। बाद में उसे भारत लाया गया और 2022 में तमिलनाडु के कुंभकोणम की एक अदालत ने उसे 10 साल की जेल की सजा सुनाई।