नई दिल्ली, 29 नवंबर ( आईएएनएस): । केंद्र सरकार देश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (एसआईएसएफएस) के माध्यम से फंड भी उपलब्ध करा रही है।
एसआईएसएफएस फंड शुरू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य स्टार्टअप्स को कैपिटल सपोर्ट उपलब्ध करना है, जिससे शुरुआती चरण में स्टार्टअप्स के पास अपना उत्पाद विकसित के लिए पर्याप्त धन हो। इस स्कीम के लिए 50 लाख रुपये तक की फंड लोन के रूप में स्टार्टअप्स को दिया जाता है और इसकी ब्याज 5 प्रतिशत होती है।
अगर आप भी अपना कोई इनोवेटिव स्टार्टअप चला रहे हैं तो एसआईएसएफएस के जरिए फंड जुटा सकते हैं।
एसआईएसएफएस के जरिए फंड जुटाने का प्रोसेस :-
सबसे पहले आपको अपने स्टार्टअप को सरकार के पास पंजीकृत करना होगा।
इसके लिए स्टार्टअप इंडिया वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण फॉर्म भरकर जमा करना होगा।
अब आपको डीपीआईआईटी सर्टिफिकेट का इंतजार करना होगा। इसमें कुछ महीनों तक का समय लग सकता है। (इस सर्टिफिकेट के बिना आप एसआईएसएफएस के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं।)
सर्टिफिकेट मिलने के बाद आपको अपने स्टार्टअप इंडिया अकाउंट को सीड फंड इंडिया से लिंक करना होगा।
इसके बाद एसआईएसएफएस का फॉर्म भरना होगा।
अब आपको वेबसाइट पर सूचीबद्ध इनक्यूबेटर में से तीन का चयन करना होगा।
इनमें से किसी एक इनक्यूबेटर की ओर से आपके आवेदन को स्वीकारा जाना चाहिए।
अब आप इनक्यूबेटर के पास जाकर अपने प्रोजेक्ट के बार में बताएं और अपना विजन समझाएं।
इनक्यूबेटर के पास पूरी क्षमता होती है कि वह आपको 50 लाख रुपये में से कितनी राशि देता है।
एसआईएसएफएस में इनक्यूबेटर का चुनाव करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे इनक्यूबेटर आपके आसपास का ही होना चाहिए। इसके साथ ही वह उन क्षेत्रों में निवेश करता हो, जिस क्षेत्र में आपका स्टार्टअप है। साथ ही अपने बिजनेस आइडिया को स्पष्ट रखें और इनक्यूबेटर को बताएं कि यह फंड कैसे आपकी आगे बढ़ने में मदद करेगा।
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