फेड का ध्यान अधिकतम रोजगार और मूल्य स्थिरता की ओर बढ़ रहा है, इसलिए फेडरल ओपन मार्केट कमेटी ने 2025 के लिए अपेक्षित दरों में कटौती की संख्या को आधा कर दिया है।
बाजार के जानकारों ने कहा, "पूरी कमेंट्री पर अमेरिकी बाजारों की तीखी नकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद, सभी एशियाई बाजार भी नकारात्मक रूप से खुले हैं।"
सुबह करीब 9:30 बजे, सेंसेक्स 1,023.67 अंक या 1.28 प्रतिशत की गिरावट के बाद 79,158.53 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 306.45 अंक या 1.27 प्रतिशत की गिरावट के बाद 23,892.4 पर कारोबार कर रहा था।
बाजार का रुख नकारात्मक रहा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 223 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 2,029 शेयर लाल निशान में थे।
निफ्टी बैंक 783 अंक या 1.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,356.55 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 943.85 अंक या 1.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 57,779.40 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 344.70 अंक या 1.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,885.65 पर था।
सेंसेक्स पैक में इंफोसिस, एचसीएल टेक, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, एसबीआई, जेएसडब्ल्यू स्टील और बजाज फाइनेंस टॉप लूजर्स थे। वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी टॉप गेनर्स थे।
उम्मीद के उलट अपकमिंग रेट ट्रेजेक्ट्री के लिए फेड के पूर्वानुमान में 2025 के लिए केवल दो बाद 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती है। इससे पहले अगले साल के लिए चार 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद थी।
जानकारों ने कहा, "जब वैल्यूएशन अधिक होता है, तो बाजार को तेजी से सुधार के लिए केवल एक ट्रिगर की आवश्यकता होती है। यह ट्रिगर 2025 में कम दर कटौती के फेड मार्गदर्शन द्वारा प्रदान किया गया था, जो बाजार की उम्मीदों के विपरीत था।"
उन्होंने कहा, "भले ही 25 बेसिस प्वाइंट की दर में कटौती बाजार की उम्मीद के अनुरूप थी, लेकिन 2025 में तीन या चार कटौती की बाजार की उम्मीद के मुकाबले केवल दो 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के संकेत ने बाजार को डरा दिया, जिसके परिणामस्वरूप वॉल स्ट्रीट में तेज बिकवाली हुई।"
पिछले कारोबारी सत्र में डाउ जॉन्स इंडेक्स में 2.58 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 42,326.87 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 में 2.95 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 5,872.20 पर बंद हुआ और नैस्डैक में 3.56 फीसदी की गिरावट आई और यह 19,392.69 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में जकार्ता, बैंकॉक, सोल, जापान, चीन और हांगकांग के बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
जानकारों के अनुसार, आज बाजार में तेज गिरावट निवेशकों को खरीदारी के अवसर प्रदान करेगी।
जानकारों ने आगे कहा, "हाई वैल्यूएशन के बावजूद ब्रॉडर मार्केट पर इसका कम असर होगा क्योंकि इस सेगमेंट में एफआईआई का प्रभाव न के बराबर होगा। इसलिए, इस सेगमेंट में ग्रोथ स्टॉक में तेज उछाल आ सकता है।"
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 18 दिसंबर को 1,316.81 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी बेची, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 4,084.08 करोड़ रुपये मूल्य की इक्विटी खरीदी।