दिल्ली में कई अभिभावक ऐसे रहे, जिन्होंने गुरुवार को ही कई स्कूलों के फॉर्म भरे। कई अभिभावकों ने पूरा दिन अपने बच्चों का नर्सरी दाखिला फार्म भरने में बिताया। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने 28 नवंबर से दिल्ली के प्राइवेट, अनएडेड व मान्यता प्राप्त स्कूलों में दाखिले के लिए यह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की है। यह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया नर्सरी, किंडरगार्टन और पहली कक्षा में बच्चों के एडमिशन के लिए शुरू की गई है।
नर्सरी में दाखिले के लिए कम से कम तीन वर्ष व केजी के लिए छात्र की आयु चार वर्ष होनी चाहिए। दिल्ली के 1,741 प्राइवेट स्कूल इस दाखिला प्रक्रिया का हिस्सा बने हैं। दक्षिणी दिल्ली में रहने वाली ऐना बक्शी ने बताया कि वह अपनी बेटी के लिए नर्सरी में दाखिला चाहती हैं। ऐना चाहती हैं कि उनकी बेटी को लोधी रोड स्थित उनकी पसंद के एक प्राइवेट स्कूल में दाखिला मिल जाए। हालांकि ऐना पूरी तरह से आश्वस्त नहीं है कि उनकी बेटी का दाखिला इस स्कूल में हो पाएगा या नहीं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने पसंदीदा स्कूल के अलावा आधा दर्जन अन्य स्कूलों के फॉर्म भरने का भी फैसला किया है।
एक अन्य अभिभावक दीप्ति शर्मा का कहना है कि नर्सरी स्कूल में दाखिले के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। क्योंकि प्रत्येक स्कूल में सीटों के मुकाबले आवेदकों की संख्या कहीं अधिक है। दीप्ति के मुताबिक बीते वर्ष उन्होंने अपनी बेटी के नर्सरी एडमिशन के लिए चार स्कूलों में फॉर्म भरा था, लेकिन कहीं भी नंबर नहीं आया। इस कारण अब उनकी बेटी को घर से दूर स्कूल जाना पड़ता है। दीप्ति का कहना है कि उन्होंने इस बार अपने घर के आसपास के करीब 11 स्कूलों में पंजीकरण कराने का फैसला किया है।
छोटे बच्चों के दाखिले के लिए स्कूलों द्वारा तार्किक एडमिशन क्राइटेरिया तय किया जाता है। एडमिशन के लिए तय किया गया क्राइटेरिया और एप्लीकेशन फॉर्म स्कूलों द्वारा ऑनलाइन शेयर किए गए हैं। दिल्ली के स्कूलों में ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 20 दिसंबर है। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के उपरांत स्कूल चयनित बच्चों की पहली सूची अगले वर्ष 17 जनवरी को जारी करेंगे। उसके बाद दूसरी और तीसरी सूची भी आ सकती है। दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक प्राइवेट स्कूल दाखिला फार्म के लिए 25 रुपये से अधिक पंजीकरण शुल्क नहीं ले सकते है। अभिभावकों के लिए प्रॉस्पेक्टस खरीदना वैकल्पिक है।
नर्सरी में एडमिशन के लिए दिल्ली के अधिकांश प्राइवेट स्कूल ऐसे छात्रों को वरीयता देते हैं जो स्कूल के नजदीक रहते हैं। स्कूलों के क्राइटेरिया की बात करें यह अलग-अलग स्कूलों में अलग-अलग हो सकता है। बावजूद इसके अधिकांश स्कूल लड़कियाें के दाखिले को वरीयता देते हैं। स्कूल में कोई एक भाई या बहन पहले से पढ़ रहा हो उसके दूसरे भाई या बहन को कई स्कूलों में वरीयता दी जाती है। सिंगल पेरेंट्स यदि अपने बच्चों का दाखिला चाहते हैं, तो ऐसे बच्चों को भी कई स्थानों पर वरीयता दी जाती है।
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