प्रकाश झा ने आईएफएफआई में से बात की और कहा, “मैंने वास्तव में कुछ भी नहीं किया है, मैंने कुछ भी हासिल नहीं किया है। ईमानदारी से कहूं तो मैं विनम्र नहीं हूं। क्योंकि जो हो गया सो हो गया और जो करना है वह सबसे महत्वपूर्ण है। मैं जीवन को इसी तरह से देखता हूं।"
झा ने कहा, "हर दिन पहला दिन होता है। शूटिंग का हर दिन शूटिंग का पहला दिन होता है और हर काम रोमांचक होता है। मैं इसे इसी तरह देखता हूं। इसलिए मैं कुछ भी नया करने के लिए हमेशा तैयार हूं।"
प्रकाश झा ने सिनेमा और ओटीटी के बीच अंतर के बारे में भी बात की और कहा, "ओटीटी हो या सिनेमा हर जगह पर सफल कहानी या कंटेंट ही चलती है। आप फिल्में लाएं या कुछ और, जरूरी है कि उसकी कहानी दर्शकों से कनेक्ट हो सके, यदि ऐसा होता है या आप एक कहानी को सही तरीके से पेश कर पा रहे हैं और उसके जरिए दर्शकों से जुड़ पा रहे हैं तभी आप सफल होंगे और मुझे लग रहा है कि यह सुधार इंडस्ट्री में हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा, "दर्शक हमसे कह रहे हैं कि हम उन्हें एक अच्छी कहानी सुनाएं, वे इसे स्वीकार करेंगे। अगर हम घिसे-पिटे रास्ते पर चलते रहेंगे, एक ही चीज को अलग-अलग तरीकों से पेश करते रहेंगे, तो यह काम नहीं करेगा और उन्हें पसंद नहीं आएगा।"
इस बीच इंडस्ट्री को 'सत्याग्रह', राजनीति, अपहरण, गंगाजल, जय गंगाजल समेत अन्य सुपरहिट फिल्में देने वाले निर्देशक प्रकाश झा के शॉर्ट फिल्म 'अमर आज मरेगा' के बारे में बात करें तो इसके निर्देशक और लेखक रजत कारिया हैं। शॉर्ट फिल्म में प्रकाश झा ने अभिनय किया है, उनके साथ नम्रता कपूर, अवनीश पांडे, सुकृति कुमार, राजेश कुमार पांडेय भी अहम रोल में हैं।