से बातचीत में डॉ. नीलकंठ मिश्रा ने बताया, ''भारत में इसके मामलों में कमी आई है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। इस मामले में हम निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। राष्ट्रीय पोर्टल से हमें हर रोज रिपोर्ट मिलती है।''
इस वायरस पर राज्य की क्या तैयारी है, इस पर बात करते हुए डॉक्टर ने कहा, ''राज्य सरकार और हम सभी इस दिशा में काम कर रहे है। लेकिन मामलों की संख्या में कोई विशेष वृद्धि नहीं हुई है। हम भविष्य में भी अन्य सभी विशेषज्ञों के साथ परामर्श करेंगे। उनके परामर्श के अनुसार हम अगला कदम उठाएंगे।
स्वास्थ्य निदेशक डॉ. नीलकंठ मिश्रा ने बताया, '' इस मौसम में खांसी और जुकाम के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। लेकिन जिले के किसी भी स्थान से खांसी और जुकाम में कोई खतरनाक वृद्धि नहीं हुई है।''
उन्होंने कहा, ''डब्ल्यूएचओ से हमें जानकारी मिली है कि चीन में भी स्थिति सुधर रही है। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है।''
इससे बचने के उपायों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, '' सावधानी बरतते हुए संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। खांसी और जुकाम से पीड़ित व्यक्ति को अलग-थलग रहना चाहिए। भीड़ के संपर्क में नहीं आना चाहिए। हाथों को साबुन से साफ रखने चहिए। भीड़ वाले क्षेत्र में मास्क का उपयोग करें।
आगे कहा, ''अगर कोई इम्यूनोकॉम्प्रोमाइज़ व्यक्ति है, जो मोनोकम्प्रेशन दवा ले रहा है, तो स्वाभाविक रूप से उसे इस वायरस से सावधान रहने की जरूरत है। उसे मास्क का उपयोग करना चाहिए। आम जनता को मास्क पहनने की सलाह नहीं दी जाती है।