कनाडा : मेयर पैट्रिक ब्राउन पूजा स्थलों पर विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए पेश करेंगे प्रस्ताव

नई दिल्ली, 4 नवंबर ( आईएएनएस): । कनाडा के ब्रैम्पटन के एक मंदिर में हिंदू श्रद्धालुओं पर हुए हमले को लेकर शहर के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने घोषणा की कि वह शहर में पूजा स्थलों पर विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए नगर परिषद में एक प्रस्ताव लाएंगे।

कनाडा : मेयर पैट्रिक ब्राउन पूजा स्थलों पर विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए पेश करेंगे प्रस्ताव
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सोमवार को मेयर पैट्रिक ब्राउन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मैं ब्रैम्पटन सिटी काउंसिल में एक प्रस्ताव लाऊंगा, जिसमें पूजा स्थलों पर विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने पर विचार किया जाएगा। पूजा स्थलों को सुरक्षित स्थान होना चाहिए जो हिंसा और धमकी से मुक्त हो। मैंने अपने सिटी सॉलिसिटर से सिटी काउंसिल की हमारी अगली निर्धारित बैठक के लिए ऐसे उप-कानून की वैधता पर गौर करने के लिए कहा है।"

वहीं कनाडा के ओटावा में भारतीय उच्चायोग ने 4 नवंबर को एक बयान जारी कर खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है।

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इससे पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी हमले की निंदा करते हुए एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा अस्वीकार्य है। हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है।"

कनाडा में विपक्ष के नेता पियरे पोलिवरे ने कहा कि ऐसे हमले स्वीकार नहीं हैं। मेरा मानना है कि कनाडा के सभी लोगों को शांति से अपने धर्म का पालन करना चाहिए।

ओंटारियो सिख संगठन और गुरुद्वारा परिषद (ओएसजीसी) ने ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक व्यवधान की निंदा की और स्थानीय अधिकारियों से घटना की गहन जांच करने का अनुरोध किया।

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ओन्टारियो सिख एवं गुरुद्वारा काउंसिल ने कहा कि हिंसा और धमकी का समुदाय में कोई स्थान नहीं है।

3 नवंबर को ब्रैम्पटन हिंदू सभा मंदिर के पास हुई घटना में खालिस्तानी चरमपंथियों ने विरोध प्रदर्शन किया और भारतीय तिरंगे को थामे एक समूह के साथ उनकी झड़प हो गई। वीडियो फुटेज से पता चलता है कि खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों ने विरोधी समूह पर हमला किया। मंदिर में आने वाले कई लोग सुरक्षा की तलाश में मंदिर परिसर में भाग गए, जिससे चरमपंथियों ने मंदिर पर हमला कर दिया।

इससे पहले, विंडसर, मिसिसॉगा और ब्रैम्पटन में मंदिरों को भी इसी तरह की तोड़फोड़ का सामना करना पड़ा था, जिसकी कनाडाई और भारतीय नेताओं ने निंदा की थी।

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