'घर लौटना ही जीत है', युद्धविराम के बाद दक्षिण लेबनान में विस्थापित लोगों की वापसी शुरू

बेरूत, 27 नवंबर, ( आईएएनएस): । इजरायल-हिजबुल्लाह युद्धविराम का असर जमीन पर दिखने लगा है। विस्थापित लेबनानी लोगों ने देश के दक्षिणी हिस्से में लौटना शुरू कर दिया है। इस उम्मीद के साथ कि सीजफायर समझौता कायम रहेगा।

'घर लौटना ही जीत है', युद्धविराम के बाद दक्षिण लेबनान में विस्थापित लोगों की वापसी शुरू
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अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक युद्ध विराम के प्रभावी होने के तुरंत बाद नागरिक अपने घरों की ओर दक्षिण की ओर बढ़ने लगे।

वापस लौट रहे कुछ लोग 'विक्ट्री साइन' बना रहे थे, क्योंकि उनके लिए लिए घर लौटना अपने आप में एक जीत है।

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या सभी क्षेत्रों तक पहुंच संभव होगी, क्योंकि इजरायली सेना का कहना है कि उसके बल अभी भी कुछ हिस्सों में काम कर रहे हैं और निकासी के आदेश अभी भी जारी होने हैं।

लोग राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन उम्मीदों पर आशंका के बादल भी छाए हैं क्योंकि वे जानते हैं कि यह एक 'नाजुक' युद्धविराम है।

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लेबनानी और इजरायली सेनाओं ने लोगों से सतर्क रहने और इजरायली सेना के जमीन पर रहने के दौरान दक्षिण की ओर जाने से परहेज करने का अपील की।

इससे पहले मंगलवार को यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने कहा कि इजरायल और लेबनान के बीच हुए युद्ध विराम समझौते के बाद लेबनानी सेना एक बार फिर अपने क्षेत्र पर कब्जा कर लेगी। उन्होंने कहा, "अगले 60 दिनों में, इजरायल धीरे-धीरे अपनी बाकी सेना को वापस बुला लेगा - दोनों पक्षों के नागरिक जल्द ही सुरक्षित रूप से अपने समुदायों में वापस लौट सकेंगे और अपने घरों का पुनर्निर्माण शुरू कर सकेंगे।"

इजरायली मीडिया के मुताबिक समझौता कथित तौर पर इजरायल को 60 दिनों की संक्रमण अवधि प्रदान करेगा, जिसके दौरान आईडीएफ दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना वापस ले लेगा, जबकि लेबनानी सेना लिटानी नदी के दक्षिण में लगभग 5,000 सैनिकों को तैनात करेगी, जिसमें इजरायल की सीमा पर 33 चौकियां भी शामिल हैं।

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लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ बातचीत के दौरान इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष विराम समझौते का स्वागत किया।

पीएम मिकाती ने इस संबंध में एक्स पर कई पोस्ट किए। इनमें प्रस्ताव को लेबनान में शांति और स्थिरता बहाल करने, विस्थापित लोगों को उनके कस्बों, शहरों में लौटने में सक्षम बनाने की दिशा में एक मौलिक कदम बताया गया।

हालांकि नवीनतम जानकारी तक हिजबुल्लाह ने इजरायल पर कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की है लेकिन उसके सबसे बड़े समर्थक ईरान ने समझौते का समर्थन किया।

रिपोर्ट के मुताबिक ईरानी विदेश मंत्रालय ने 'लेबनान के खिलाफ इजरायल की आक्रामकता' के अंत की 'खबर का स्वागत किया है।' इसके अलावा हमास ने पहले कहा था कि यदि इजरायली सेनाएं इस क्षेत्र से हट जाएं, लोगों को अपने घरों को लौटने की अनुमति दी जाए तथा अधिक मानवीय सहायता पहुंचाई जाए तो वह युद्ध विराम के लिए तैयार है।

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इजरायली सेना ने 23 सितंबर से लेबनान पर हवाई हमले शुरू किए। कुछ दिनों के बाद उसने सीमा पार एक 'सीमित' जमीनी अभियान भी चलाया, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर हिजबुल्लाह को कमजोर करना था।

इजरायली हमलों में हिजबुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह समेत कई कमांडरों की मौत हो गई और उसके कई ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। हालांकि लेबनानी ग्रुप भी इजरायल पर मिसाइलें दाग कर पलटवार किया।

8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे। तब से फिलिस्तीनी ग्रुप और यूहदी राष्ट्र में संघर्ष में उलझ गए।

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