योनहाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही महाभियोग प्रस्ताव उनके कार्यालय में पहुंचेगा, यून को उनके कर्तव्यों से निलंबित कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री हान डक-सू कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में काम करेंगे।
यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव 204-85 मतों से पारित हुआ। तीन सांसदों ने मतदान में भाग नहीं लिया और आठ वोट अवैध थे। वोटिंग में सभी 300 सांसदों ने अपने वोट डाले।
नतीजा बताता है कि 12 पीपीपी सांसदों ने महाभियोग के पक्ष में मतदान करने के लिए अपनी पार्टी लाइन से अलग हटकर मतदान किया।
प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरुरत थी। इसमें विपक्षी गुट के पास संसद के 300 सदस्यों में से 192 सदस्य थे।
पिछले शनिवार को यून पर महाभियोग चलाने की पहली कोशिश नाकाम हो गई थी क्योंकि लगभग सभी पीपीपी सांसदों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया था।
मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी और पांच अन्य छोटे विपक्षी दलों ने गुरुवार को यून के खिलाफ दूसरा महाभियोग प्रस्ताव पेश किया। इनमें उन पर 3 दिसंबर को मार्शल लॉ घोषित करके संविधान और अन्य कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया।
दूसरे प्रस्ताव में पिछले प्रस्ताव की तुलना में कुछ संशोधन किए गए। इसमें यून के खिलाफ कुछ आरोपों को हटा दिया गया, लेकिन अन्य आरोप जोड़ दिए गए, जिनमें यह आरोप भी शामिल था कि उन्होंने मॉर्शल लॉ लागू होने के दौरान सांसदों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।
प्रस्ताव अब संवैधानिक न्यायालय को भेजा जाएगा, जो यह तय करेगा कि यून को पद पर बहाल किया जाए या उन्हें पद से हटाया जाए। यदि महाभियोग को बरकरार रखा जाता है, तो यून 2017 में पूर्व राष्ट्रपति पार्क ग्यून-हे के बाद पद से हटाए जाने वाले दूसरे राष्ट्रपति बन जाएंगे।
बता दें राष्ट्रपति यून ने मंगलवार (03 दिसंबर) रात को आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, लेकिन बुधवार को संसद द्वारा इसके खिलाफ मतदान किए जाने के बाद इसे निरस्त कर दिया गया।
मार्शल लॉ कुछ घंटों के लिए ही लागू रहा। हालांकि चंद घटों के लिए लागू हुए मार्शल लॉ ने देश की राजनीति को हिला कर रख दिया।