इस्लामिक देशों में भी महाकुंभ को लेकर खूब हो रही चर्चा, टॉप पर पाकिस्तान

14 Jan, 2025 7:43 PM
Prayagraj: Sadhus of 'Niranjani Akhara' take a holy dip during the 'Amrit Snan' at the Triveni Sangam, confluence of the Ganges, the Yamuna, and the mythical Saraswati rivers, on the auspicious occasion of Makar Sankranti during the Maha Kumbh 2025 in Pra
महाकुंभ नगर, 14 जनवरी (आईएएनएस): । महाकुंभ अब सिर्फ भारतीय आयोजन नहीं रहा, यह एक वैश्विक पर्व बन गया है। तीर्थराज प्रयागराज में सोमवार को महाकुंभ का भव्य शुभारंभ हो चुका है। ब्राजील, जर्मनी, जापान, इंग्लैंड, अमेरिका और स्पेन जैसे देशों के श्रद्धालु भी प्रयागराज पहुंचने लगे हैं। यह आयोजन अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सनातन संस्कृति के बढ़ते प्रभाव को दिखा रहा है।

खास बात यह है कि पाकिस्तान और अरब समेत इस्लामिक देश भी महाकुंभ में रुचि दिखा रहे हैं। गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, इस्लामिक देशों में योगी सरकार द्वारा आयोजित किए जा रहे महाकुंभ के आयोजन को खूब सर्च किया जा रहा है।

महाकुंभ को सर्च करने वाले देशों की सूची पर नजर डालें तो पहला नाम सबसे ज्यादा चौंकाता है जो कि पाकिस्तान का है। भारत के परस्पर विरोधी देश में लोग महाकुंभ के आयोजन और यहां जुट रही व्यापक भीड़ को खूब सर्च कर रहे हैं।

पाकिस्तान के बाद कतर, यूएई और बहरीन जैसे देशों ने महाकुंभ में गहरी रुचि दिखाई है। इसके अलावा, नेपाल, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आयरलैंड, ब्रिटेन, थाईलैंड और अमेरिका जैसे देशों के लोग भी महाकुंभ के बारे में पढ़ और खोज रहे हैं।

महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या यह दिखाती है कि सनातन संस्कृति का प्रभाव तेजी से फैल रहा है। संगम में डुबकी लगाने वाले सिर्फ भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशों से आए लाखों श्रद्धालु भी इस दिव्य अनुभव का हिस्सा बन रहे हैं। इस रिपोर्ट के नतीजे बताते हैं कि महाकुंभ 2025 ने दुनिया को एक बार फिर भारतीय संस्कृति, अध्यात्म और सनातन धर्म की अद्भुत शक्ति का अहसास कराया है।

महाकुंभ के दूसरे दिन मकर संक्रांति के मौके पर अमृत स्नान के दौरान संगम तट पर 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को सोशल मीडिया के जरिए दी। सीएम योगी ने बताया कि प्रथम अमृत स्नान पर्व पर मंगलवार को 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों एवं श्र‌द्धालुओं ने त्रिवेणी में अमृत स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया।

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