ढाका, 17 जनवरी ( आईएएनएस): । ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस के दुनियाभर से मामले सामने आ रहे है। बांग्लादेश में भी इस वायरस से एक महिला की मौत की खबर सामने आई है। महिला पहले से ही कई तरह की स्वास्थ्य जटिलताओं से जुूझ रही थी।
ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस से मरने वाली महिला संजीदा अख्तर का रविवार से अस्पताल में इलाज चल रहा था, मगर बुधवार को महिला ने दम तोड़ दिया।
अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट अरिफुल बशर ने गुरुवार एक बयान जारी कर कहा कि महिला पहले से ही मोटापे, किडनी की समस्या और फेफड़ों संबंधी बीमारियों से पीड़ित थी।
बता दें कि बांग्लादेश में एचएमपीवी का पहला मामला सामने आने के कुछ दिनों बाद महिला की मौत हुई है। महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
महामारी विज्ञान रोग नियंत्रण और अनुसंधान संस्थान (आईईडीसीआर) में वायरोलॉजी के प्रमुख अहमद नौशेर आलम ने कहा कि महिला का निमोनिया के एक प्रकार क्लेबसिएला न्यूमोनिया के लिए भी परीक्षण किया गया था जो पॉजिटिव आया।
उन्होंने बताया कि मरीज ने विदेश यात्रा नहीं की थी।
आईईडीसीआर की निदेशक तहमीना शिरीन ने पहले कहा था कि एचएमपीवी का पहली बार बांग्लादेश में 2017 में पता चला था। तब से, वायरस की पहचान लगभग हर साल सर्दियों में की जाती रही है।
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, 2001 में खोजा गया एचएमपीवी रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस न्यूमोविरिडे का वेरिएंट है।
मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक टेस्टिंग के उपयोग ने एचएमपीवी की पहचान और जागरूकता को बढ़ा दिया है क्योंकि यह ऊपरी और निचले श्वसन संक्रमण का एक महत्वपूर्ण कारण है।
सीडीसी के अनुसार, एचएमपीवी सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है। यह ज्यादातर छोटे बच्चों और बड़ी उम्र के लोगों को अपना शिकार बना रहा है।
सी.डी.सी. के अनुसार, एच.एम.पी.वी. से जुड़े लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल है।
कोविड-19 और फ्लू के विपरीत, एच.एम.पी.वी. के लिए कोई टीका या इसके उपचार के लिए एंटीवायरल दवाएं नहीं हैं। इसके बजाय, डॉक्टर गंभीर रूप से बीमार लोगों की देखभाल उनके लक्षणों पर ध्यान देकर करते हैं।
Courtesy Media Group: IANS