समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने राज्य से संबद्ध फाना ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेट के हवाले से बताया कि मंत्रालय के प्रवक्ता नेबियाट गेटाचेव ने कहा कि बड़े पैमाने पर चल रहा यह प्रयास इथियोपिया सरकार की 'नागरिक-केंद्रित' कूटनीतिक प्रतिबद्धता का हिस्सा है। इसमें में विदेशों में मुश्किल हालात का सामना कर रहे नागरिकों को वापस लाया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि विशेष रूप से चिंताजनक मामला म्यांमार में इथियोपियाई नागरिकों से जुड़ा है, जहां 380 नागरिकों की पहचान गंभीर परिस्थितियों में फंसे हुए के तौर पर की गई है। इन लोगों को दक्षिण पूर्व एशिया में रोजगार के अवसरों का वादा करने वाले अवैध दलालों ने गुमराह किया था। आगमन पर उन्हें म्यांमार और थाईलैंड की सीमा से लगे क्षेत्रों में अनधिकृत शिविरों में ले जाया गया, जहां कथित तौर पर बेहद चुनौतिपूर्ण हालात हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किए गए प्रयास से लगभग 34 नागरिकों को अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराया गया। इन सभी को इथियोपिया वापस लाने से पहले थाईलैंड में सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
गेटाचेव ने स्वीकार किया कि अपहृत नागरिकों को बचाने के लिए बहुत कुछ करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने टोक्यो, जापान और नई दिल्ली, भारत में अपने राजनयिक मिशनों को चल रहे प्रयासों को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
गेटाचेव ने इस बात पर जोर दिया कि फंसे हुए नागरिकों को वापस लाने के लिए वर्तमान में विभिन्न प्रयास चल रहे हैं।
हाल के वर्षों में, इथियोपिया ने विदेशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के प्रयासों को तेज कर दिया है। इथियोपिया इस समस्या से निपटने के लिए म्यांमार और अन्य प्रभावित देशों की सरकार के साथ सहयोग कर रहा है।