नई दिल्ली, 21 जनवरी ( आईएएनएस): । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वैश्विक स्वास्थ्य निकाय से बाहर निकलने के फैसले पर खेद जताते हुए उम्मीद जताई कि अमेरिका इस फैसले पर पुनर्विचार करेगा।
डब्ल्यूएचओ ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए कहा, "हम इस घोषणा पर खेद व्यक्त करते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका संगठन से बाहर निकलने का इरादा रखता है।"
संगठन ने यह भी कहा कि उसे उम्मीद है कि अमेरिका अपने फैसले पर विचार करेगा, ताकि "दुनिया भर के लाखों लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए" यह निर्णय बदल सके।
ट्रंप ने यह फैसला अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद लिया। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 महामारी को सही तरीके से नहीं संभाला।
डब्ल्यूएचओ ने इस बारे में कहा कि उसने अमेरिकी नागरिकों सहित दुनिया के लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह काम 'बीमारी के मूल कारणों को समझकर, मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियां बनाकर और स्वास्थ्य आपात स्थितियों का पता लगाकर' किया गया।
ज्ञात हो कि अमेरिका 1948 में डब्ल्यूएचओ का संस्थापक सदस्य था और वाशिंगटन 193 अन्य सदस्य देशों के साथ मिलकर विश्व स्वास्थ्य सभा और कार्यकारी बोर्ड में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पिछले 70 वर्षों में, "हमने मिलकर चेचक को खत्म किया और पोलियो को समाप्त करने के कगार पर पहुंचा दिया।"
डब्ल्यूएचओ की तरफ से यह भी कहा गया कि अमेरिका ने संगठन की सदस्यता के लिए बहुत योगदान दिया है और इसने अमेरिकियों के स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाया है। संगठन के अनुसार, पिछले 7 वर्षों में, अमेरिका और अन्य देशों की भागीदारी के साथ डब्ल्यूएचओ ने अपने इतिहास में सबसे बड़े सुधार किए हैं।
इस बीच, कई वैश्विक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ट्रंप के इस फैसले पर चिंता जताई है। नीदरलैंड के इरास्मस विश्वविद्यालय से डच वायरोलॉजिस्ट मैरियन कूपमैन्स ने सोशल मीडिया पर कहा कि ट्रंप का यह कदम महामारी की तैयारी और वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
वैक्सीनेशन शोधकर्ता प्रोफेसर पीटर होटेज ने इसे 'निराशाजनक' बताते हुए कहा कि यह निर्णय अमेरिका की जैव सुरक्षा और महामारी की तैयारियों को कमजोर करेगा, खासकर जब जलवायु परिवर्तन और शहरीकरण के कारण नई बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ रहा है।
Courtesy Media Group: IANS