'द डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक मुल्तान के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) मुहम्मद अली बुखारी ने बताया, 'गैस से भरे टैंकर में आग लगने के कारण विस्फोट हुआ।'
बुखारी ने कहा कि आग पर काबू पाने की कोशिश जारी है। घटनास्थल पर 16 अग्निशमन वाहन मौजूद थे और अधिक गाड़ियों को बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण और अन्य संगठनों को भी चल रहे ऑपरेशन के लिए बुलाया गया है।
डीसी बुखारी ने कहा, "इलाके को सील कर दिया गया है और गैस और बिजली की आपूर्ति भी रोक दी गई है।"
रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता अरशद भुट्टा के अनुसार, घायलों में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भुट्टा ने बताया कि विस्फोट के कारण कई घर ढह गए, साथ ही करीब 20 मवेशियों की भी मौत हो गई।
डीसी बुखारी ने घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की, जिससे 48 घंटे के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
मुल्तान आयुक्त आमिर करीम खान ने आदेश दिया कि संभाग में एलपीजी कंटेनरों की एक सूची तैयार की जाए और गंजनाबाद क्षेत्र में खड़े एलपीजी कंटेनरों पर प्रतिबंध लगाया जाए।
खान ने कहा कि एलपीजी और संपीड़ित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) की अवैध फिलिंग दुकानों पर छापेमारी की जानी चाहिए और उचित सुरक्षा उपायों के बिना चल रही दुकानों को सील किया जाना चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में एलपीजी सिलेंडरों के रिसाव और विस्फोट के कारण आग लगने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं।
इस महीने की शुरुआत में सिंध के घोटकी जिले में एलपीजी सिलेंडर में विस्फोट के कारण एक व्यक्ति के घर में आग लग गई थी, जिससे उसकी जलकर मौत हो गई थी।
पिछले साल मई में हैदराबाद में एलपीजी सिलेंडर भरने की दुकान में हुए एक बड़े विस्फोट में 19 बच्चों सहित कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई थी और एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे। इसके दो सप्ताह के भीतर भीतशाह और लरकाना में भी इसी तरह की घटनाएं हुईं, जिसके कारण एलपीजी भरने की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई की गई।