फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में उनकी मृत्यु की जानकारी दी। कहा गया कि रोहित बल के काम ने "भारतीय फैशन को फिर से परिभाषित किया"।
जानकारी के मुताबिक बल का सफदरजंग एन्क्लेव के आश्लोक अस्पताल में इलाज चल रहा था। शुक्रवार को रोहित को हार्ट अटैक आया। डॉक्टरों ने उन्हें होश में लाने की पूरी कोशिश की लेकिन उन्हें बचाया न जा सका।
रोहित बल का अंतिम संस्कार आज शाम 5 बजे दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में होगा।
भारत में फैशन सेंस को निखारने और संवारने का श्रेय बल को जाता है। खास कर मेन्स वियर में वो एक क्रांति लेकर आए। रीति से अलग उन्होंने नोज रिंग से लेकर सिंदूर तक लगवाया।
रोहित का परिवार लंबे समय से दिल्ली में ही रह रहा था। हाल ही में बल ने अपने कलेक्शन 'कायनात' से फैशन जगत में धूम मचा दी थी।
उनके टैलेंट का लोहा बॉलीवुड ही नहीं हॉलीवुड भी मानता था। भारतीय संस्कृति को करीने से सहेजने और उसमें शालीनता का पुट बनाए रखने में माहिर थे बल। यही वजह है कि 1996 में टाइम पत्रिका ने उन्हें भारत का ‘मास्टर ऑफ फैब्रिक एंड फैंटेसी’ बताया था।
रोहित बल को साल 2001 और 2004 में अंतरराष्ट्रीय फैशन अवॉर्ड्स में ‘डिजाइनर ऑफ द ईयर’ चुना गया था। बल खुद ही कहते थे- मैं हमेशा वही करता रहा जो मैं हूं और कभी भी वो नहीं किया जो बाकी लोग कर रहे थे। मेरे पास एक बहुत ही मजबूत और फोकस्ड डिजाइन फिलॉसफी है। और मैं उसको फॉलो करता हूं।