झारखंड में बढ़ा सीएम, मंत्रियों और विधायकों का वेतन-भत्ता

रांची, 19 जून ( आईएएनएस): । झारखंड की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के पहले राज्य की सरकार ने सीएम, मंत्रियों और विधायकों का वेतन-भत्ता बढ़ाने का निर्णय लिया है।

चंपई सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड (फाइल फोटो)
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बुधवार को सीएम चंपई सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की मीटिंग में इससे संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया। इसी प्रस्ताव में विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, पार्टी सचेतकों, उप सचेतकों, नेता प्रतिपक्ष के वेतन-भत्ते में भी वृद्धि का निर्णय लिया गया है।

राज्य के विधायकों का वेतन भत्ता प्रतिमाह करीब 68 हजार रुपये तक बढ़ेगा। अभी विधायकों का वेतन-भत्ता 2.20 लाख है। कैबिनेट के फैसले के अमल में आते ही उन्हें हर महीने करीब 2.88 लाख मिलेंगे। अब उन्हें वेतन मद में 60 हजार, क्षेत्रीय भत्ता के रूप में 80 हजार, सत्कार भत्ता 40 हजार और दैनिक भत्ता 3 से 4 हजार रुपए तक देय होगा।

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इसके अलावा उन्हें सवारी भत्ता, समाचार पत्र के लिए भी अलग से भत्ता देय होगा। पूर्व विधायकों की पेंशन में भी आनुपातिक रूप से वृद्धि का निर्णय लिया गया है। इसके पहले विधायकों के वेतन-भत्ते और पेंशन को लेकर गठित विशेष समिति ने राज्य के विधानसभा अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपी थी।

कैबिनेट ने इसी रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने का निर्णय लिया है। सीएम का मूल वेतन 80 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपए किया गया है। विभिन्न भत्तों को मिलाकर उन्हें प्रतिमाह करीब 3.50 लाख रुपए मिलेंगे। इसी तरह मंत्रियों का वेतन 65 हजार के बजाए 85 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। क्षेत्रीय भत्ते के तौर पर 80 हजार के बजाय अब उन्हें 96 हजार रुपये मिलेंगे।

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विधानसभा स्पीकर को प्रतिमाह वेतन के तौर पर मिलने वाली राशि को 78 हजार रुपये से बढ़ाकर 98 हजार रुपये किया गया है। क्षेत्रीय भत्ता के तौर पर 80 हजार रुपये प्रतिमाह की राशि को 95 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। सत्कार भत्ता के रूप में भी 60 हजार रुपये की जगह 70 हजार रुपये मिलेंगे।

नेता प्रतिपक्ष को वेतन के तौर पर मिलने वाली राशि को 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 85 हजार और क्षेत्रीय भत्ता को 80 हजार से बढ़ाकर 95 हजार रुपये, सत्कार भत्ता को 45 हजार के बदले 55 हजार रुपए प्रतिमाह किया गया है। अन्य सुविधाओं में भी वृद्धि की सिफारिश की गई है।

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इसी तरह मुख्य सचेतक और सचेतक के भी वेतन-भत्तों में वृद्धि का निर्णय लिया गया है। एक अन्य प्रस्ताव के अनुसार झारखंड विधानसभा के अफसरों और कर्मियों के वेतन-भत्ते में भी वृद्धि की गई है।

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