आईएमडी ने मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। येलो अलर्ट 64.5 मिमी से 115.5 मिमी तक भारी बारिश का संकेत देता है। मौसम विभाग ने केरल तट पर 35 से 45 किमी/घंटा की गति से हवा चलने और 55 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका जताई है।
अधिकारियों ने खराब मौसम की स्थिति के कारण मछुआरों को समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी है। आईएमडी के अनुसार, मौसम की स्थिति मध्य पश्चिम और उससे सटे उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी, उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी ओडिशा के तटों पर दबाव के कारण उत्पन्न हुई है।
बता दें कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 1 जून से दो दिन पहले 30 मई, 2024 को केरल पहुंच था। इस साल प्री-मॉनसून बारिश भी जबरदस्त हुई थी जिससे केरल कई दिनों तक जलमग्न रहा।
आईएमडी का अनुमान है कि 2024 में भारत में बरसात औसत से अधिक होगी। गौरतलब है कि मानसून सीजन के दौरान राज्य में भारी बारिश के कारण इस बार काफी नुकसान हुआ है।
30 जुलाई को वायनाड में हुए भूस्खलन में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग अब भी लापता हैं।
इससे पहले, केरल के पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम, एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर, कासरगोड जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था।
साल 2020 की शुरुआत में आपदा प्रबंधन टीम ने बताया था कि मुंडक्कई, चूरलमाला, पुथुमाला, अट्टामाला, वेल्लीथोडु, थ्रिक्काइपट्टा और कोट्टाथारवायल संवेदनशील इलाके हैं।