पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "वे वोट के लिए आतंकवादियों का समर्थन करेंगे। वे आतंकवादियों का समर्थन करने में संकोच नहीं करेंगे। सीएम सिद्दारमैया ने सत्ता में रहते हुए इस संबंध में बयान दिया है। यह शक्ति लोगों द्वारा दी गई है और इसका इस्तेमाल विवेक के साथ किया जाना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "एक बार, आपने (कांग्रेस ने) 400 सीटें जीती थीं। अब आपकी क्या स्थिति है? आज तक आप लोकसभा में 100 सीटें भी पार नहीं कर पाए हैं। इसका कारण आपकी तुष्टीकरण की नीति है। बेंगलुरु में दलित विधायक के घर को जलाने के बाद भी कुछ समूहों के प्रति नरम रुख अपनाया गया। केजी हल्ली और डीजे हल्ली हिंसा के बारे में उन्होंने क्या कहा? सत्ता में बने रहने के लिए मुख्यमंत्री सिद्दारमैया इस्लामी कट्टरपंथी ताकतों को आंख मूंदकर पूरा समर्थन दे रहे हैं।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "आपने कहा कि हुबली दंगा मामले में निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया गया। क्या आप मानते हैं कि थाने पर पथराव करने वाले लोग निर्दोष थे?"
इससे पहले उन्होंने कहा था, "सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। पुलिस और न्यायपालिका के विरोध के बावजूद कांग्रेस सरकार का केस वापस लेने का फैसला दंगाइयों को समर्थन देने का एक स्पष्ट कदम है।"
उन्होंने कहा, "ओल्ड हुबली दंगा मामला राष्ट्रविरोधी और असामाजिक तत्वों के खिलाफ लड़ाई है। यह संविधान और कानून को बनाए रखने की लड़ाई है।"
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने हुबली थाना दंगा से संबंधित मामलों को वापस लेने का फैसला किया है, जिसमें 2022 में पुलिस पर हमला करने के लिए 150 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया था।
इस्लाम पर एक व्हाट्सएप पोस्ट के बाद हुबली में गुस्साई भीड़ ने थाने पर हमला किया था जिसमें 10 पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए तथा एक पुलिस निरीक्षक और छह अन्य अधिकारियों पर हमला किया गया था।
पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में 152 व्यक्तियों को गिरफ्तार करते हुए घटना के संबंध में 12 मामले दर्ज किए थे।