कांग्रेस को राष्ट्रहित में आरएसएस की अच्छी बातें सीखनी चाहिए : आचार्य प्रमोद कृष्णम

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर ( आईएएनएस): । पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने शनिवार को आईएएनएस से खास बातचीत की। इस दौरान इन्होंने विजयादशमी के अवसर पर नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के संबोधन पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस को राष्ट्रहित में आरएसएस की अच्छी बातें सीखनी चाहिए : आचार्य प्रमोद कृष्णम
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मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू का दुर्बल रहना किसी अपराध से कम नहीं है। इसको लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, "मोहन भागवत सच्चे राष्ट्रभक्त हैं, वह राष्ट्र हित में सोचते हैं और समय-समय पर अपनी बात कहते रहते हैं। यह बात बिल्कुल सही है कि अगर आप इकट्ठा रहोगे तो आप शक्तिशाली रहोगे। लेकिन अफसोस है कि कांग्रेस को यह बात समझ में नहीं आती है। कांग्रेस पार्टी को भी राष्ट्रहित में आरएसएस की अच्छी बातों को सीखना चाहिए। भागवत जी के भाषणों में जो राष्ट्र को मजबूत बनाने के सिद्धांत हैं, कांग्रेस को उसका अनुसरण करना चाहिए।"

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हिंदुओं पर जो अत्याचार हुआ, वह किसी से नहीं छुपा है। भागवत सिर्फ यह कह रहे हैं कि अगर भारत एकजुट नहीं रहा तो नुकसान होगा। वह किसी एक व्यक्ति को ताकतवर बनाने के पक्ष में नहीं होकर, पूरे भारत को शक्तिशाली बनाना चाहते हैं। ऐसा तब होगा जब भारत में पैदा होने वाला हर व्यक्ति अपनी भारतीयता पर गर्व करेगा।

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कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर पूर्व कांग्रेस नेता ने कहा कि खड़गे कई बार पब्लिक मीटिंग में कह चुके हैं कि अगर मोदी की सरकार बनी, तो सनातन की सरकार बन जाएगी, इसका मतलब वह सनातन विरोधी हैं। उनके बेटे प्रियांक खड़गे कर्नाटक सरकार में मंत्री हैं, उन्होंने कहा है कि सनातन एक गंदा शब्द है। ये लोग चाहते हैं कि सनातन में विभाजन हो जाए। पीएम मोदी के नेतृत्व में पूरा देश सनातन में होने को तैयार है। हरियाणा की जीत सनातन और भारत की जीत है।

विपक्षी महागठबंधन को लेकर प्रमोद कृष्णम ने कहा कि विपक्ष का पूरा कुनबा इकट्ठा हुआ था, तो यह वजह नहीं थी कि सिद्धांत या उसूलों की लड़ाई लड़नी है, बल्कि वे इसलिए इकट्ठा हुए थे कि सत्ता पर कब्जा करके देश को कैसे लूटा जाए। इनको लगता है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में यह सपना पूरा नहीं हो सकता, इसलिए अब ये राहुल गांधी को छोड़ना चाहते हैं। भले ही मोदी ने तीन तलाक खत्म कर दिया, लेकिन इंडिया गठबंधन का तीन तलाक होना पक्का है।

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