गाजियाबाद,12 अक्टूबर ( आईएएनएस): । डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद द्वारा की गई विवादित टिप्पणी के बाद सियासत गरमा गई है। लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर शनिवार को डासना देवी मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने दर्शन-पूजन किया।
भाजपा विधायक ने कहा, "यह बहुत प्राचीन मंदिर है। यहां सभी मनोकामना पूर्ण होती है। मंदिर कमेटी ने महापंचायत बुलाई है। इसलिए यहां पंचायत होगी। प्रशासन ने रोक लगाई है तो वह प्रशासन जाने, लेकिन पंचायत होगी। हमें बुलाया गया है। हम लोग भी पंचायत में आऐंगे। यहां जो फैसले लिए जाने हैं वे राष्ट्र के हित में लिए जाएंगे। शांतिपूर्ण पंचायत होगी। इस बात की जिम्मेदारी हम ले रहे हैं। एक जिम्मेवार आदमी को रहना चाहिए, इसलिए मैं कल यहां रहूंगा।"
उन्होंने कहा कि देश भर के सनातन धर्म को मानने वाले लोगों के अंदर बहुत गुस्सा और उबाल है। मंदिर पर जिहादियों ने जो हमला किया है, महाराज जी ने अगर कुछ बोला है तो कानून के मुताबिक काम होगा। सनातन धर्म आक्रोश में है इसलिए पंचायत हो रही है। मंदिर कमेटी की ओर से जो फैसला होगा, वह राष्ट्र को मजबूत करेगा।
उन्होंने कहा, "यहां जो हमला करने वाले लोग हैं, उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगे। जो फरार हैं, उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की हम मांग करते हैं। एक बड़ा अधिकारी जिले को जलाना चाहता है। सीएम योगी से हमारा निवेदन है कि वे अराजक तत्वों पर नकेल कसने का काम करें। समाज अब सनातन के सम्मान में खड़ा हो चुका है।"
डासना मंदिर में 13 अक्टूबर को 36 बिरादरियों की पंचायत बुलाई गई है। इसकी अनुमति मंदिर प्रशासन की तरफ से पुलिस से मांगी गई थी, लेकिन पुलिस ने अनुमति देने से मना कर दिया और धारा 163 लागू कर दी है। यह पंचायत 4 अक्टूबर की रात मंदिर पर कथित तौर पर हुए हमले और महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि के कथित तौर पर 'लापता' होने के संबंध में बुलाई गई है।
दरअसल 4 अक्टूबर को डासना मंदिर के महंत द्वारा दिए गए बयान के बाद कुछ लोगों ने मंदिर की तरफ कूच किया था और पुलिस ने उन्हें रोका था। इस दौरान आरोप लगाया गया था कि मंदिर के बाहर पहुंचकर उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की और माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। इसके बाद राजनीति गरमा गई और लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर भी इस मामले से जुड़ गए।
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यह कहा था कि मंदिर पर हमला करने वाले लोगों को चिह्नित कर उन पर रासुका लगाई जाए और उनकी संपत्ति भी जब्त की जाए। अपने पत्र के जरिए उन्होंने मुख्यमंत्री को डासना स्थित मंदिर का उल्लेख पुराणों में भी होना बताया था और कहा था कि 4 अक्टूबर की रात हजारों की संख्या में एकत्र लोगों ने आपत्तिजनक नारे लगाते हुए मंदिर पर पथराव किया।