नई दिल्ली, 13 अक्टूबर ( आईएएनएस): । जल्द ही दिल्ली की हवा खतरनाक स्तर तक खराब हो सकती है। ठंड बढ़ने के साथ साथ दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स भी खतरनाक स्तर पर पहुंचने की आशंका है। वहीं पराली और दिवाली के दौरान जलाए जाने वाले पटाखों का धुआं दिल्ली में वायु प्रदूषण को और अधिक बढ़ाएगा। इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश का सहारा लेना चाहती है। दिल्ली सरकार इसके लिए आईआईटी के विशेषज्ञों की मदद लेगी। दिल्ली सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार से निवेदन किया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि हवा में मौजूद कणों के प्रदूषण को, वाहनों से होने वाले प्रदूषण को, बायोमास बर्निंग के प्रदूषण को- कंट्रोल करने में बारिश का एक अहम रोल है। उन्होंने बताया कि विशेषज्ञ भी इस बात से सहमत हैं कि बारिश के जरिए दिल्ली के प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
दीपावली के बाद तापमान कम हो जाता है, पराली के धुएं से प्रदूषण बढ़ता है, दिवाली में पटाखों से प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में प्रदूषण के कण नीचे की ओर आते हैं। गोपाल राय के मुताबिक ऐसी आपातकालीन स्थिति में इस प्रदूषण को कम करने के लिए कृत्रिम वर्षा एक कारगर उपाय है। राय का कहना है कि इस विषय पर उन्होंने एक महीना पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि आईआईटी कानपुर समेत सभी विशेषज्ञों की एक मीटिंग बुलाई जानी चाहिए। हालांकि इस पत्र का अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
इसके बाद अब 10 अक्टूबर को दिल्ली सरकार ने फिर से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को इस संदर्भ में पत्र भेजा है। दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में यदि बारिश की वजह से प्रदूषण का स्तर कम हो रहा है तो आपातकालीन स्थिति में कृत्रिम बारिश का उपयोग करना चाहिए। सरकार का कहना है कि यह टेक्नोलॉजी आईआईटी कानपुर में भारत के पास आ चुकी है और हमें इसका इस्तेमाल करना चाहिए। दिल्ली सरकार का मानना है कि इससे वे दिल्ली के अंदर सर्दियों में प्रदूषण के स्तर को कम कर सकेंगे।
इसके साथ ही दिल्ली में धूल (डस्ट) को कम करने के लिए भी सख्त उपाय किए जा रहे हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का कहना है कि यदि दिल्ली में धूल के कण कम हो तो वायु प्रदूषण कम रहेगा। यही कारण है कि सोमवार से डस्ट आधारित प्रदूषण फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।