दरअसल, पहले के जमाने में महिलाएं घर के लौटे एवं शक्कर के बने करवे से पूजा करती थी। लेकिन अब बाजारों में मिट्टी के करवे की मांग बढ़ने लगी है। ऐसे में परंपरागत व्यवसाय को आगे बढाते हुए मिट्टी के करवों को भव्य एवं आकर्षक बनाने के लिए उस पर रंगों के जरिए कलाकृति बनाई जाने लगी है। इससे बाजारों में करवों की मांग बढ़ गई और इनको बनाने वालों की आमदनी भी।
बता दें कि सुहाग की लंबी उम्र की कामनाओं को लेकर मनाया जाने वाला करवा चौथ के व्रत को लेकर महिलाओं ने सजने सवरने की तैयारी शुरू कर दी है। महिलाओं द्वारा आज मेहंदी लगाने का कार्य किया जा रहा है, इसमें शहर के प्रमुख जगहों पर मेहंदी लगवाने के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ रही है।इस त्यौहार में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का कठिन व्रत रखेंगी। दिनभर पर कठोर निर्जला व्रत रखने के बाद वो रात में चांद दिखने के बाद पूजा-अर्चना करके अपना व्रत खोलेंगी। इस त्योहार को लेकर बाजार भी गुलजार है।
बता दें कि त्योहार को ध्यान में रखकर बाजार में विभिन्न प्रकार के छलनी और करवा चौथ किट लाए गए हैं। विशेष पूजा सामग्री और श्रृंगार सामग्री के साथ रेडीमेड गारमेंट्स, साड़ियां, ज्वेलरी तक की खरीदारी के लिए दुकानों पर भीड़ नजर आ रही है। सिल्क साड़ियों का डिमांड तेज है, जिससे व्यापारी खुश हैं। इस बार करवा चौथ को लेकर शहर में करोड़ों रुपये के व्यापार का अनुमान लगाया जा रहा है।