चक्रवात 'दाना' 2020 के 'अम्फान' से कम होने की संभावना

कोलकाता, 23 अक्टूबर ( आईएएनएस): । कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक चक्रवात दाना का प्रभाव 2020 के चक्रवात अम्फान से कम होगा। तबाही भी उस हद तक नहीं होगी। बता दें कि अम्फान 1999 के ओडिशा चक्रवात के बाद सबसे शक्तिशाली था।

बंगाल में चक्रवात दाना का प्रभाव 2020 के अम्फान से कम होने की संभावना
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उपलब्ध नवीनतम जानकारी के अनुसार, चक्रवात दाना वर्तमान में ओडिशा के पारादीप से 560 किलोमीटर, पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप समूह और बांग्लादेश के खेपुपारा से 700 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित है।

कार्यालय के पूर्वानुमान के अनुसार, चक्रवात दाना के गुरुवार रात 11 बजे से शुक्रवार सुबह 5 बजे के बीच ओडिशा के पुरी और पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप समूह के बीच किसी स्थान पर पहुंचने की संभावना है।

मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चक्रवात दाना धीरे-धीरे शक्तिशाली होने लगा है। पश्चिम बंगाल के विभिन्न तटीय क्षेत्रों में आसमान में पहले से ही काले बादल छाए हुए हैं। राज्य की राजधानी कोलकाता में भी आसमान में बादल छाए हुए हैं।

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अगले दो दिनों के लिए दक्षिण बंगाल के कुछ जिलों, विशेषकर तटीय जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, यहां पहले से ही भारी वर्षा का पूर्वानुमान है।

मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात के आने के बाद पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में हवा की गति लगभग 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है, जबकि कोलकाता में उस समय हवा की अधिकतम गति लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की उम्मीद है।

कार्यालय ने चक्रवात के आने से संचार व्यवस्था पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव के बारे में भी आगाह किया है। अन्य संभावित प्रभाव दक्षिण 24 परगना जिले के सुंदरबन क्षेत्र में तटबंधों, दक्षिण बंगाल के कुछ जिलों में खेतों में कटाई योग्य फसलों और मिट्टी के घरों या झुग्गियों के ढहने आदि पर पड़ सकते हैं।

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चक्रवाती तूफान दाना के आने से पूर्वी मिदनापुर, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना के तीन तटीय जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है।

इस बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने आसन्न संकट को देखते हुए एहतियाती उपायों की घोषणा की है। दक्षिण बंगाल के नौ जिलों में शैक्षणिक संस्थान 23 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष खोले गए हैं।

मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका जा रहा है। जिला प्रशासन से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने को कहा गया है।

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