गया शहर के फतेहगंज गुरुद्वारा रोड निवासी किरण देवी ने कहा कि इस योजना के तहत उन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा, "हमने नवादा में ट्रेनिंग की। 40 लोगों ने इस ट्रेनिंग में हिस्सा लिया। ट्रेनिंग में सब कुछ बेहतर तरीके से बताया और समझाया गया। इस दौरान हमें रहने और खाने का पैसा नहीं लगता था।"
उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत एक लाख रुपये का लोन मिला है। ट्रेनिंग के दौरान हमें चार हजार रुपये मिले हैं। बेरोजगार महिलाओं के लिए यह योजना बड़ा वरदान है। हम अपने रोजगार को आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे। पीएम मोदी ने हम लोगों का विशेष ख्याल रखा है। इसके लिए मैं उनका आभार जताती हूं। देश में अभी तक पीएम मोदी जैसा पीएम नहीं हुआ है। हम पांच लोग सिलाई मशीन पर काम करते हैं। हम लोग आठ-नौ महीने से इस काम में लगे हुए हैं। हमारी कोशिश अपने बिजनेस को बढ़ाने की होगी।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी मनोज कुमार का कहना है कि वह दो तीन पीढ़ी से सलून का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "मैं खुद 13 साल से इस काम में लगा हुआ हूं। पीएम विश्वकर्मा योजना का हमारे समाज के लोगों को बड़े पैमाने पर लाभ मिला है। हमने इस योजना के तहत प्रशिक्षण भी दिया है। हमें प्रमाणपत्र मिलने के बाद बैंक से फोन आया था। हमें बैंक से एक लाख रुपया मिला है और पीएम मोदी ने डाक के जरिए 15,000 का टाल किट भेजा है। इसके अलावा खाते में चार हजार रुपया आया है। यह योजना हमारे समाज के लिए वरदान साबित हुई है। अब तक किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा काम नहीं किया है। इसके लिए मैं पीएम मोदी का धन्यवाद देता हूं। जो पैसा हमें मिला है, इससे हम लोग अपने बिजनेस को आगे बढ़ाएंगे।"
गया जिला उद्योग केंद्र की प्रबंधक बंदना ने कहा, "फरवरी से पीएम विश्वकर्मा योजना बिहार में लागू है। जब यह योजना आई थी तो गया में केवल 12 आवेदन प्राप्त हुए थे। आज एक लाख 40 हजार आवेदन प्राप्त हो चुके है। परंपरागत तौर पर अपना काम करने वाले लोगों के लिए यह योजना काफी लाभकारी सिद्ध हो रही है। आवेदन के बाद सत्यापन और बैंकिंग वेरिफिकेशन के बाद लाभार्थी को प्रमाणपत्र मिलता है। उसके बाद चयनित आवेदकों को परंपरागत पेशे में ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें लोन दिया जाता है। खुद के कौशल को बढ़ावा देने के लिए यह बेहतर योजना है और लोगों को इसका लाभ भी मिल रहा है।
दरअसल प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत, कारीगरों को सस्ते ऋण, कौशल प्रशिक्षण, आधुनिक उपकरण, और डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।