गुरुवार को डिंडोरी जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर लालपुर गांव में यह नृशंस हत्या की खबर मिली। घटना से गांव में तनाव फैल गया है, जिसको देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
मृतकों की पहचान धरम सिंह (65), रघुराज सिंह (35) और शिवराज सिंह (30) के रूप में हुई है। वहीं तीसरा बेटा (धरम सिंह) बेहोशी की हालत में मिला, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने कहा कि तीनों शवों पर एक जैसे चोट के निशान थे, और ऐसा लग रहा था कि उन पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया था। पहली नजर में यह मामला जमीन विवाद का लग रहा है।
पुलिस ने कहा कि शुक्रवार को तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि चार अन्य अभी भी फरार हैं। गरदासरी थाने के प्रमुख दुर्गादास नागपुरे ने कहा कि उन्हें पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। शुक्रवार को उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) के.के. त्रिपाठी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और आश्वासन दिया कि सभी आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस घटना ने राजनीतिक विवाद को भी जन्म दिया। मध्य प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आदिवासी समुदायों की सुरक्षा को लेकर सवाल पूछे हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजय सिंह ने आरोप लगाया कि एक और भयावह घटना ने राज्य में कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है।
सिंह ने कहा, "डिंडोरी में हुए तिहरे हत्याकांड ने मध्य प्रदेश में कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है। आदिवासियों की रक्षक होने का दावा करने वाली सरकार उनकी सुरक्षा करने में विफल रही है। आदिवासी समुदाय को न्याय और सुरक्षा प्रदान करने में सरकार की विफलता शर्मनाक है।"