उन्होंने कहा, एक तरफ एकनाथ शिंदे हैं जो महिलाओं का सम्मान करते हैं। वह साबित होता है लाडकी बहीण योजना से। दूसरे तरफ हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनकी सरकार महिलाओं के लिए कई योजनाएं चला रही है। जिसमें उज्ज्वला योजना हो मुद्रा योजना हो जिससे महिलाएं सशक्त हो। आवास योजनाओं का लाभ महिलाओं को मिल रहा है। देश में आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बन गई हैं, जिसे देखकर हमें गर्व होता है।
दूसरी तरफ ये महाविनाश अघाड़ी के सांसद अरविंद सावंत जिन्होंने 2014 और 2019 में प्रचार के लिए हमारा ही समर्थन लिया। तब हम लाडकी बहन थे और आज क्या शब्द का प्रयोग करते हैं कि हम इम्पोर्टेड माल, ये आइटम। जब आप ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं तो आपके नाना पटोले, उद्धव ठाकरे, शरद पवार कहां हैं। क्यों ये लोग इसका खंडन नहीं कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि हम चुप बैठने वाले हैं तो हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। आप मां मुंबा देवी का खौफ रखिए।
फिर भी महाविकास अघाड़ी के अरविंद सावंत मुझे बदनाम करने के लिए अभद्र टिप्पणी करते हैं। मेरा मानना है कि महिलाओं को वस्तु के रूप में पेश करना न केवल उनकी मानसिकता को दर्शाता है, बल्कि वहां मौजूद कांग्रेस विधायक अमीन पटेल की भी मानसिकता को दर्शाता है, जो हंस रहे थे। मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मां महिला हूं लेकिन, मैं माल नहीं हूं।
15 साल में इस महाविनाश अघाड़ी ने मुंबा देवी विधानसभा के लिए कुछ नहीं किया, यह सबसे पिछड़ी विधानसभा है। उन्होंने कहा, महाविकास अघाड़ी सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करना जानती है।
इसके साथ ही शाइना एनसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, अरविंद सावंत ने 29 अक्टूबर 2024 को एक मीडिया चैनल पर मेरे लिए 'माल' शब्द का प्रयोग किया। हमारी संस्कृति में महिलाओं को शक्ति के रूप में देखा जाता है। मां मुंबादेवी, हम सबकी प्रेरणास्त्रोत हैं। इस तरह का बयान अस्वीकार्य है और यह अपमान न केवल मेरा है, बल्कि महाराष्ट्र की समस्त महिलाओं का भी है। मुझे यह समझने में कोई कठिनाई नहीं होती कि अरविंद सावंत का यह बयान मेरे प्रतिद्वंद्वी, अमीन पटेल के नामांकन के दौरान दिया गया। अमीन पटेल वही व्यक्ति हैं, जो तीन तलाक जैसी कुरीतियों का पुरजोर समर्थन करते हैं। मैं ऐसे व्यक्तियों से महिलाओं के सम्मान की अपेक्षा ही नहीं कर सकती। हमारे देश और राज्य सरकारों ने महिलाओं के सम्मान में कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं, जैसे "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" इन योजनाओं के माध्यम से महायुति की सरकार समाज में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर रही है।