मुख्यमंत्री ने कहा, “यह घटना दुखद है। इस तरह के घटना की पुनरावृत्ति ना हो। इसके लिए हम समीक्षा कर रहे हैं। साथ ही जहां भी ओवरलोड होकर यह गाड़ी निकली है, उसके बारे में पता लगाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, हम लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की रूपरेखा निर्धारित कर रहे हैं, ताकि पूरी वस्तुस्थिति स्पष्ट हो सके।”
उन्होंने आगे कहा, “जो भी इसमें दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभी हम घायलों को उचित उपचार उपलब्ध करवा रहे हैं। हम उन परिवारों को लेकर चिंतित हैं। हम उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराएंगे।”
इस हादसे को लेकर धामी सरकार एक्शन मोड में है।
बता दें कि घटना के कुछ ही घंटे बाद मुख्यमंत्री ने पौड़ी गढ़वाल और रामनगर के आरटीओ को सस्पेंड कर दिया। इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच गढ़वाल कमिश्नर को सौंप दी गई है।
इसके अलावा, राज्य स्थापना दिवस पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। सोमवार को हुए बस हादसे पर मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सचिवालय में गढ़वाल कमिश्नर और अन्य अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। जिसमें गढ़वाल कमिश्नर दीपक रावत को घटना के संबंध में जांच रिपोर्ट जल्द तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही हादसे से पहले जिन पुलिस चौकियों से होकर बस गुजरी थी। उन पर तैनात लापरवाह पुलिस कर्मियों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगा।
वहीं इस घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी रद्द कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना इतनी दुखद है कि जो सांस्कृतिक कार्यक्रम राज्य स्थापना दिवस के मौके पर होने थे, वो भी अब नहीं होंगे और राज्य स्थापना दिवस को सादगी के साथ मनाया जाएगा।