भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर विषय है। मुडा घोटाले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों पर बहुत ही गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके चलते उन्होंने तय किया कि जमीनों को वापस देंगे। यह मामला कोर्ट में गया। कोर्ट में वो जो चाहते थे, नहीं हुआ। अब सिद्धारमैया लोकायुक्त के सामने पेश हुए।
नलिन कोहली ने आगे कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है, जिनका जवाब उनको देना पड़ेगा। भ्रष्टाचार को लेकर प्रश्न उठ रहे हैं। साथ ही साथ कोर्ट में शायद एक याचिका भी आई है कि केस को सीबीआई को दिया जाए। कांग्रेस पार्टी को इस बात का जवाब देना होगा कि इस तरह के गंभीर सवाल राज्य में उनके शीर्ष नेता और उनके परिवार पर उठ रहे हैं तो इस पर चुप्पी क्यों?
बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एवं दिग्गज कांग्रेस नेता सिद्धारमैया 'मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण' (एमयूडीए) मामले को लेकर बुधवार सुबह मैसूर लोकायुक्त अधीक्षक टी जे उदेश के सामने पेश हुए।
मुडा (एमयूडीए) में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में सीएम सिद्धारमैया को मुख्य आरोपी बनाया गया है। कर्नाटक के इतिहास में सत्ता में रहते हुए लोकायुक्त जांच का सामना करने वाले सिद्धारमैया पहले मुख्यमंत्री हैं।
सीएम सिद्धारमैया का पिछला रिकॉर्ड काफी साफ सुथरा रहा है। चार दशक के राजनीतिक करियर में वो पहली बार जांच का सामना कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि अगर सीएम सिद्धारमैया को लोकायुक्त जांच में क्लीन चिट मिल जाती है, तो इससे उन्हें यह तर्क देने में मदद मिलेगी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जरूरत नहीं है और उनके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित है।
सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट 26 नवंबर को सुनवाई करेगा। कोर्ट ने लोकायुक्त से जांच की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।