नई दिल्ली, 6 नवंबर ( आईएएनएस): । दिल्ली सरकार ने धोखाधड़ी वाली वित्तीय योजनाओं पर रोक लगाने के लिए नए नियम बनाए हैं। ये नियम लोगों को उन फर्जी योजनाओं से बचाने के लिए हैं, जो झूठे वादे और हाई रिटर्न के नाम पर लोगों के पैसे हड़प लेती हैं। अब सरकार के पास ऐसे मामलों पर कड़ी कार्रवाई करने के अधिकार होंगे, जिसमें जांच और संपत्तियों को जब्त करना भी शामिल है।
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा है कि “लंबे समय से लोग ऐसे झूठे वादों में फंसते रहे हैं, जो उन्हें बड़ा मुनाफा देने का दावा करते हैं। लेकिन, अंत में उनका नुकसान होता है। इन नए नियमों के जरिए दिल्ली सरकार ऐसे धोखेबाजों पर कड़ी नज़र रखेगी। अब, एजेंसियां सरकार के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने वालो को पहचानने, जांच और सजा दिलाने में मदद करेंगी।”
नए नियमों में सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजीएस) के लिए एक सीमा तय की है ताकि उनके काम में कोई रुकावट नहीं आए। अब किसी भी सदस्य द्वारा हर महीने 50,000 रुपये तक का योगदान और साल में 5 लाख रुपये तक का योगदान नियमों से बाहर रहेगा।
इस तरह छोटे और वास्तविक समूहों की गतिविधियां चलती रहेंगी और बड़े जमा पर सरकार निगरानी रखेगी। इस सीमा से उनके काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा, और साथ ही ये भी ध्यान रखा जाएगा कि इनका गलत इस्तेमाल न हो।
इन नियमों के साथ, अब सरकार को धोखाधड़ी के मामलों में जांच और संपत्तियों की जब्ती के लिए विशेष एजेंसियों को नियुक्त करने का अधिकार भी मिलेगा। इससे सरकार धोखाधड़ी का जल्दी पता लगा सकेगी और पीड़ितों के पैसे वापस दिला सकेगी।
पहले सरकार के पास ऐसे मामलों में संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार नहीं था, जिससे कार्रवाई करना मुश्किल होता था। इससे पीड़ितों को न्याय मिलेगा और धोखाधड़ी का जड़ से सफाया होगा।
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