बुधवार को हुई इस बैठक में दोनों देशों की सेनाओं ने क्षमता निर्माण व खतरों से निपटने की तैयारियों को मजबूत करने पर चर्चा की। बैठक के दौरान भारत व अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच पहले से चल रही पहलों की समीक्षा की। यहां भारत और अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाया।
दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह (एमसीजी) की 21वीं बैठक 5 नवंबर से प्रारंभ हुई थी। बुधवार को भी यह बैठक नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित की गई।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक बैठक में क्षमता निर्माण, ट्रेनिंग एक्सचेंज, डिफेंस इंडस्ट्रियल सहयोग, पारंपरिक और हाइब्रिड खतरों से निपटने की तैयारियों को मजबूती देने वाले संयुक्त अभ्यासों सहित कई अन्य विषयों पर चर्चा हुई। भारत और अमेरिका के बीच हुई इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत की ओर से चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू ने की। वहीं, अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के डिप्टी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जोशुआ एम रुड ने अमेरिका की ओर से इस बैठक की सह-अध्यक्षता की।
दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस अवसर पर विभिन्न पहलों की समीक्षा की और सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाया। दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। सक्रिय जुड़ाव और अंतर संचालनीयता के माध्यम से इस रणनीतिक रिश्ते को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्धता जताई गई।
उन्होंने भारत-प्रशांत क्षेत्र के सामने आने वाली गतिशील चुनौतियों की साझा समझ के साथ भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग के दायरे का विस्तार करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह ऐतिहासिक मंच है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाना है। इसके अलावा यह मंच दोनों देशों के बीच रणनीतिक और परिचालन रक्षा सहयोग को बढ़ावा देता है।
21वीं भारत व अमेरिका सैन्य सहयोग समूह की बैठक क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करने, उभरते खतरों का मुकाबला करने और पारस्परिक क्षमताओं का निर्माण करने के लिए थी। यह बैठक भारत और अमेरिका के साझा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का प्रतिनिधित्व करती है।