पठानकोट के डीएफओ वाइल्ड लाइफ परमजीत सिंह ने बताया आमतौर पर नवंबर में ठंड पड़नी शुरू हो जाती है। लेकिन, इस बार नवंबर में भी ठंड का प्रभाव कम देखने को मिल रहा और इसी वजह से अभी प्रवासी पक्षियों की आमद में कमी देखने को मिल रही है। आमतौर पर यह पक्षी रूस और अन्य यूरोपीय देशों से आते हैं। यह अपने अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र की तलाश में रहती हैं।
उन्होंने आगे कहा, “लगातार बढ़ रही ग्लोबल वार्मिंग के बुरे प्रभाव अब दिखने शुरू हो गए हैं। पठानकोट क्षेत्र में भी अब इसका असर देखने को मिल रहा है। इस बार नवंबर महीने में ठंड न पड़ने के कारण रूस सहित अन्य ठंडे देशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों की आमद बहुत कम हो गई है।”
उन्होंने आगे कहा, “इस बार ठंड कम होने के कारण प्रवासी पक्षी पिछले साल की तुलना में कम आए हैं। उम्मीद है कि 15 तारीख तक इनके रणजीत सागर डैम की झील और इसके आस पास के क्षेत्र में आने की पूरी संभावना है। इस समय चार पांच प्रजातियों के पक्षी आए हैं, जो कि कम ठंडे क्षेत्र में रह सकते हैं। यह पक्षी सबसे पहले आते हैं और सबसे बाद में जाते हैं। इनके यहां पर ठहरने का विभाग की ओर से पूरा प्रबंध किया गया है।”
उन्होंने कहा, “15 तारीख तक केशोपुर छंब और रणजीत सागर डैम झील का सारा क्षेत्र प्रवासी पक्षियों से भर जाएगा। पिछले साल 20 से 22 हजार पक्षी प्रवास करने यहां पर आए थे। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में तादाद बढ़ेगी हालांकि मौसम के बदले मिजाज से इस पर असर पड़ सकता है।”