मुडा (एमयूडीए) में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामले में सीएम सिद्धारमैया को मुख्य आरोपी बनाया गया है।
कर्नाटक के इतिहास में सत्ता में रहते हुए लोकायुक्त जांच का सामना करने वाले सिद्धारमैया पहले मुख्यमंत्री हैं।
सीएम सिद्धारमैया का पिछला रिकॉर्ड काफी साफ सुथरा रहा है।चार दशक के राजनीतिक करियर में वो पहली बार जांच का सामना कर रहे हैं।
सीएम सिद्धारमैया बेंगलुरु से मैसूर पहुंचे। उनका सरकारी गेस्ट हाउस में समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा और पशुपालन मंत्री के. वेंकटेश ने स्वागत किया।
सीएम सिद्धारमैया ने गेस्ट हाउस में नाश्ता किया और उसके बाद सीधे लोकायुक्त कार्यालय चले गए।
सीएम सिद्धारमैया से उनके परिवार को 50:50 अनुपात पर भूमि आवंटन, भूमि परिवर्तन और कथित दस्तावेजों के फर्जीवाड़े में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि अगर सीएम सिद्धारमैया को लोकायुक्त जांच में क्लीन चिट मिल जाती है, तो इससे उन्हें यह तर्क देने में मदद मिलेगी कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जरूरत नहीं है और उनके खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित है।
सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट 26 नवंबर को सुनवाई करेगा।
कोर्ट ने लोकायुक्त से जांच की रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।
याचिकाकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने कहा है कि उन्होंने सीएम सिद्धारमैया से पूछे जाने वाले सवालों की एक सूची पेश की है।
अगर लोकायुक्त ये सवाल पूछने में विफल रहते हैं, तो सीएम सिद्धारमैया को भविष्य में सीबीआई द्वारा इन सवालों का सामना करना पड़ेगा।
मैसूर में लोकायुक्त कार्यालय के आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।
लोकायुक्त ने सीएम सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती( दूसरी आरोपी), तीसरे आरोपी उनके साले मल्लिकार्जुनस्वामी और चौथे आरोपी जे. देवराजू से पूछताछ की थी। देवराजू जमीन का मालिक है।