मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जेपीसी के संवैधानिक उल्लंघनों पर जताई चिंता

नई दिल्ली, 6 नवंबर ( आईएएनएस): । ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के संवैधानिक और संसदीय नियमों तथा न्यायसंगत तरीकों के उल्लंघन करने पर गहरी चिंता जताई।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जेपीसी के संवैधानिक उल्लंघनों पर जताई चिंता
Advertisement

एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता डॉ. एसक्यूआर इलियास ने जेपीसी पर संवैधानिक और स्थापित नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया और पहले से तय तारीखों में फेरबदल पर गहरी चिंता जताई।

उन्होंने कहा कि जेपीसी को केवल उन्हीं व्यक्तियों या संगठनों से सुझाव/राय लेनी चाहिए जो सीधे वक्फ से जुड़े हैं। लेकिन दुर्भाग्य से वे केंद्रीय मंत्रालयों, एएसआई, आरएसएस समर्थित संगठनों और ऐसे संगठनों से सुझाव ले रहे हैं जिनका समाज में कोई विशेष स्थान नहीं है।

उन्होंने कहा कि इससे पहले जेपीसी में मौजूद विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर सभापति जगदंबिका पाल के कथित आपत्तिजनक व्यवहार की शिकायत की थी।

Advertisement

गत मंगलवार को फिर से छह विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जेपीसी अध्यक्ष के व्यवहार के प्रति शिकायत की और निराशा व्यक्त की तथा कहा कि वह निष्पक्ष चर्चा की अनुमति नहीं दे रहे हैं।

इससे पहले जब मानसून सत्र में यह विधेयक संसद में पेश किया गया था तो भारी विरोध और हंगामा हुआ था, जिसके कारण इसे जेपीसी को भेज दिया गया था।

प्रवक्ता ने कहा, "हम मांग करते हैं कि एआईएमपीएलबी और विश्वसनीय मुस्लिम संगठनों की आपत्तियों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए और उन लापरवाह लोगों तथा संगठनों से बचना चाहिए जिनका वक्फ मामलों से कोई लेना-देना नहीं है। हम मांग करते हैं कि जेपीसी अपनी रिपोर्ट जल्दबाजी में न पेश करे, बल्कि निर्धारित दिशा-निर्देशों और प्रक्रियाओं का पालन करे तथा सभी सदस्यों के साथ गहन चर्चा ही अपनी रिपोर्ट पेश करे।"

Advertisement

 

X
{ "vars": { "gtag_id": "G-EZNB9L3G53", "config": { "G-EZNB9L3G53": { "groups": "default" } } }, "triggers": { "trackPageview": { "on": "amp-next-page-scroll", "request": "pageview", "scrollSpec": { "useInitialPageSize": true } } } }