कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में मंत्री प्रियांक खड़गे कहा, “दूसरे सदस्य कहां हैं? उस बैठक में पूर्व सांसद क्या कर रहे हैं? जिन अन्य सांसदों का समिति से कोई संबंध नहीं है, वे उस बैठक में क्या कर रहे हैं? जेपीसी का मतलब है कि वे सदस्य आएं जो समिति का हिस्सा हों। यह और कुछ नहीं, बल्कि भाजपा प्रायोजित समिति आई है।”
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को कर्नाटक दौरे पर आए जगदंबिका पाल ने उन किसानों से मुलाकात की, जिनकी जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा ठोका है।
किसानों ने इस संबंध में उन्हें ज्ञापन सौंपकर उनसे मदद का आग्रह किया। पाल ने किसानों को आश्वस्त किया है कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
किसानों से मुलाकात के बाद जगदंबिका पाल ने कहा, "मुझे लगा था कि किसानों की तरफ से मुझे 10-15 ज्ञापन सौंपे जा सकते हैं। लेकिन, अब तक मुझे 70 ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। मैंने सभी किसानों को आश्वस्त किया है कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। लेकिन, मैं यहां एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि यह सब कुछ प्रशासन के सहयोग के बिना संभव नहीं है। निश्चित तौर पर इसमें प्रशासन की भूमिका रही होगी। मुझे लगता है कि इस पूरे मामले में उन अधिकारियों को भी चिह्नित किया जाना चाहिए, जिनकी इसमें सक्रिय भूमिका रही है।"
इसके अलावा, भाजपा नेताओं ने भी जगदंबिका पाल से मुलाकात की जिनमें कई पूर्व सांसद शामिल थे। इसी को लेकर अब प्रियांक खड़गे ने सवाल उठाया है।
उधर, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने जगदंबिका पाल के कर्नाटक दौरे को "राजनीतिक ड्रामा" बताया है।