बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाएंगे : जुएल उरांव

14 Nov, 2024 5:59 PM
बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाएंगे : जुएल उरांव
रांची, 14 नवंबर (आईएएनएस): । केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल उरांव ने गुरुवार को आईएएनएस से विशेष बातचीत करते हुए 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाएगी। यह दिन महात्मा गांधी जयंती और सरदार पटेल जयंती की तरह जनजातियों के लिए गौरव का प्रतीक बन चुका है।

केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर यहां जमुई आ रहे हैं। कार्यक्रम की पूरी तैयारी हो चुकी है और प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत के लिए विभिन्न पहलुओं पर काम किया जा रहा है। उनके साथ हम जनजातीय समुदाय के गौरव को मनाने का एक ऐतिहासिक अवसर प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा बिरसा मुंडा के जीवन और योगदान को लेकर एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कई अहम गतिविधियां होंगी। प्रधानमंत्री मोदी एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल के बच्चों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां भी देखेंगे। इसके अलावा, जनजातीय समुदाय के सफल उद्यमियों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जो पहले से ही सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के जरिए सफलता प्राप्त कर चुके हैं। इस मौके पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को भी प्रदर्शित किया जाएगा और उनके जीवन पर आधारित पेंटिंग और अन्य कलाकृतियां भी प्रदर्शित की जाएंगी।

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल बिरसा मुंडा के योगदान को सम्मानित करने के लिए है, बल्कि जनजातीय समुदाय के विकास और उनके इतिहास को भी लोगों के सामने लाने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बिरसा मुंडा के गांव की यात्रा की थी। मैं भी उस गांव गया था और यह एक बहुत ही प्रेरणादायक अनुभव था।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर जनजातीय समाज के योगदान को हमेशा याद रखने की बात कही है। इस दिन को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा प्रधानमंत्री ने पहले की थी। इससे पहले उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि जनजातीय समुदाय की संस्कृति, उनके संघर्ष और उनके योगदान को और अधिक मान्यता दी जाएगी।




सौजन्य मीडिया ग्रुप: आईएएनएस


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