अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में दिखी विकसित छत्तीसगढ़ की झलक, कलाकारों ने करमा नृत्य से जीता दिल

नई दिल्ली, 14 नवंबर ( आईएएनएस): । दिल्ली में 43वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का गुरुवार को आगाज हो गया। इसमें 11 देश हिस्सा ले रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में विकसित छत्तीसगढ़ की झलक भी देखने को मिल रही है।

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में दिखी विकसित छत्तीसगढ़ की झलक, कलाकारों ने करमा नृत्य से जीता दिल
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छत्तीसगढ़ पवेलियन में राज्य के विकास और विकसित भारत की परिकल्पना में उसकी भूमिका को प्रदर्शित किया गया है। गुरुवार को छत्तीसगढ़ भवन की आवासीय आयुक्त श्रुति सिंह ने राज्य के पवेलियन का उद्घाटन किया। इस मौके पर छत्तीसगढ़ से आए कलाकारों ने करमा नृत्य की प्रस्तुति दी।

बता दें कि इस साल हॉल नंबर 5 के फर्स्ट फ्लोर पर छत्तीसगढ़ का पवेलियन बनाया गया है। 500 वर्ग फुट के क्षेत्र में प्रदर्शन के लिए कुल 11 स्टॉल लगाए गए हैं। ‘विकसित छत्तीसगढ़@2047' की अवधारणा पर छत्तीसगढ़ के ग्रामोद्योग, स्वयं सहायता समूह, हैंडलूम, हस्तशिल्प, हर्बल, कृषि विभाग आदि के स्टॉल लगाए गए हैं। वहीं, 20 नवंबर को राज्य सांस्कृतिक दिवस मनाया जाएगा, जहां राज्य की समृद्ध लोक कला और संस्कृति का लोक कलाकार प्रदर्शन करेंगे।

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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले का उद्घाटन केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने किया है। आजादी के 77वें वर्ष में आयोजित इस मेले में विकसित भारत की झलक भी देखने को मिलेगी। इस बार करीब 1.02 लाख वर्ग मीटर क्षेत्रफल में लगने वाले अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में 12 देशों के प्रतिनिधियों के अलावा देश के अलग-अलग राज्यों के 3,500 से ज्यादा वितरक शामिल होंगे। पार्टनर स्टेट बिहार और उत्तर प्रदेश हैं। फोकस स्टेट में झारखंड है।

व्यापार मेला 27 नवंबर तक चलेगा। पहले पांच दिन सिर्फ व्यापारियों के लिए होंगे जबकि बाकी के नौ दिन आम जनता के लिए रहेंगे।

छत्तीसगढ़ का स्टॉल इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां ढोकरा कला, कोसा सिल्क, बस्तर के बांस शिल्प और अन्य पारंपरिक शिल्पों की झलक देखने को मिलती है। इसके साथ ही, राज्य ने अपने औद्योगिक उत्पादों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और हर्बल उत्पादों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया है।

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इस वर्ष की थीम “विकसित भारत@2047” को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ ने अपना स्टॉल तैयार किया है। राज्य ने हाल के वर्षों में अपने आदिवासी क्षेत्रों के विकास, रोजगार सृजन, और औद्योगिक निवेश में उल्लेखनीय प्रगति की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य ने एक मजबूत औद्योगिक और सामाजिक आधार तैयार किया है, जिसने देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित किया है।

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