नई दिल्ली, 14 नवंबर ( आईएएनएस): । केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने गुरुवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में चिंतन शिविर का उद्घाटन किया। यह नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा आयोजित एक महत्वपूर्ण दो दिवसीय कार्यक्रम है।
इस सम्मेलन का उद्देश्य 2030 तक भारत के 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रणनीति विकसित करना है।
अपने उद्घाटन भाषण में प्रह्लाद जोशी ने इस बात पर जोर दिया कि 2030 तक 500 गीगावाट का केवल एक लक्ष्य नहीं है, बल्कि एक अपील है। देश ने पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 212 गीगावाट हासिल कर लिया है, जो 2030 के लक्ष्य को पार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने हितधारकों द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों को रेखांकित किया, जिसमें भूमि अधिग्रहण, पारेषण अवसंरचना, बिजली खरीद समझौते, ऊर्जा भंडारण और इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले अन्य महत्वपूर्ण कारक शामिल हैं।
मंत्री जोशी ने कहा कि चिंतन शिविर को सभी मुद्दों के व्यापक समाधान पर पहुंचना चाहिए और 2030 तक 500 गीगावाट के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने सामूहिक अनुभव और ज्ञान के साथ आगे की रूपरेखा तैयार करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने अपनी स्थिरता और क्षमता के लिए वैश्विक विश्वास अर्जित किया है, जिससे देश को अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में अवसरों की भूमि के रूप में स्थापित किया गया है। उन्होंने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और पीएम कुसुम जैसी सरकारी पहलों पर प्रकाश डाला, जो न केवल देश की अक्षय ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं में योगदान करती हैं, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा करती हैं।
मंत्री ने 500 गीगावाट लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में सभी हितधारकों के प्रयासों को संरेखित करने के लिए विद्युत मंत्रालय के परामर्श से एक टास्क फोर्स के गठन का प्रस्ताव रखा। जोशी ने री-इन्वेस्ट शिखर सम्मेलन के दौरान की गई प्रतिबद्धताओं के बारे में भी आशा व्यक्त की, जो कुल मिलाकर 32 लाख करोड़ से अधिक और 540 गीगावाट अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के बराबर है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उद्योग जगत, सरकारी निकायों और वित्तीय संस्थानों के बीच ठोस सहयोग के माध्यम से इन प्रतिबद्धताओं को वास्तविकता में बदला जा सकता है।
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने अपने संबोधन में 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता की दिशा में भारत की यात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में तकनीकी प्रगति और नवाचारों को समर्थन देना जारी रखेगी।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव सुदीप जैन ने चिंतन शिविर के सभी हितधारकों को धन्यवाद दिया।
चिंतन शिविर का उद्देश्य उद्योग जगत के नेताओं, वित्तीय संस्थानों, उद्योगपतियों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रमुख अधिकारियों को विषयगत सत्रों और सहयोगात्मक चर्चाओं के माध्यम से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में उभरती चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।
चिंतन शिविर भारत के नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य को बदलने और दीर्घकालिक ऊर्जा स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।