डॉ. दलजीत सिंह चीमा का यह बयान पंजाब के गवर्नर के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए थे। दरअसल, पंजाब के गवर्नर ने हाल ही में एक इवेंट में राज्य की बिगड़ी कानून-व्यवस्था पर चिंता जताई थी।
उनका कहना था कि राज्य में हिंसा और अपराध बढ़ रहे हैं, जिसका असर उद्योगों पर भी पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। गवर्नर के इस बयान के बाद डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि पंजाब की कानून-व्यवस्था की स्थिति पहले ही बहुत खराब हो चुकी है और अब इसे सुधारने की बजाय यह और भी बिगड़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि पंजाब की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है। यहां न तो व्यापारी सुरक्षित हैं, न दुकानदार और न ही आम नागरिक। यहां तक कि जो बुजुर्ग महिलाएं अपने घरों के दरवाजों पर बैठती हैं, उनकी भी चेन छीन ली जाती है। इस स्थिति को देखकर हमें यह लगता है कि सरकार ने पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है। अगर राज्य के गवर्नर भी इस स्थिति को महसूस कर रहे हैं, तो मुख्यमंत्री को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए और उन लोगों को हटाना चाहिए जो अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने अपनी रिपोर्ट मीडिया को भेजी, लेकिन यह कोई हल नहीं है। केवल मीडिया में बात रखने से स्थिति नहीं सुधरेगी। सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। अगर सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम है, तो उसे तुरंत जवाबदेही तय करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री और गृह मंत्री दोनों एक ही व्यक्ति हैं और अगर स्थिति में सुधार नहीं होता, तो उन्हें अपनी जिम्मेदारी से हटाया जाना चाहिए।