साथ ही, समीक्षा अधिकारी (आरओ) और सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) परीक्षा-2023 को स्थगित करते हुए इसकी पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। इस निर्णय से प्रदेशभर के प्रतियोगी छात्रों में खुशी और संतोष की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री योगी के इस कदम की युवा छात्र व्यापक सराहना कर रहे हैं।
प्रतियोगी छात्र दीपक सिंह ने बताया कि यह फैसला सही समय पर लिया गया है और मुख्यमंत्री ने छात्रों के हित में एक बार फिर अपने संवेदनशील दृष्टिकोण का परिचय दिया है। उनका कहना था कि इस निर्णय से छात्रों का भविष्य सुरक्षित होगा और वे परीक्षा की तैयारी में निश्चिंतता महसूस करेंगे। एक अन्य छात्र ने कहा कि यह एक सराहनीय निर्णय है, जो मुख्यमंत्री ने हमारी मांगों को गंभीरता से लेते हुए लिया। इससे यह साबित होता है कि वे छात्रों के भविष्य को प्राथमिकता देते हैं। हम उनके आभारी हैं।
आंदोलन का हिस्सा रहे देवेंद्र सिंह ने बताया कि वह और उनके साथी लगातार विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। मगर, उनकी आस्था मुख्यमंत्री पर अटूट थी। सरकार ने हमारे पक्ष में निर्णय लेकर यह साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छात्रों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील हैं। पेपर लीक मामलों में भी उन्होंने तत्परता से हस्तक्षेप कर छात्रों को न्याय दिलाया था। हमें उन पर पहले भी पूरा विश्वास था और भविष्य में भी रहेगा।
छात्रा ज्योति शुक्ला ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा छात्रों के हित में निर्णय लेते हैं और यह फैसला इसी का एक और प्रमाण है। वहीं, आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि योगी जी के हस्तक्षेप से आयोग को हमारे हित में फैसला लेना पड़ा, जिससे हम बहुत आभारी हैं।
सत्यम शुक्ला ने बताया कि हम जानते थे कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हमारे पक्ष में जरूर खड़े होंगे। उनके भरोसे पर ही हम आंदोलन कर रहे थे और हमें यकीन था कि वे हमारे हित की रक्षा करेंगे। देवेश पांडेय ने कहा कि हम चार दिन से आंदोलन कर रहे थे और जैसे ही यह बात मुख्यमंत्री जी तक पहुंची, उन्होंने हमारे पक्ष में निर्णय लिया। उन्होंने पेपर लीक जैसे मामलों में भी हमेशा छात्रों का साथ दिया है।
विवेक यादव और कृष्णानंद ठाकुर जैसे कई छात्रों ने एक सुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद किया और उनके इस फैसले की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम छात्रों की आकांक्षाओं और विश्वास को मजबूत करता है, जिससे परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित होगी।