यह मेला देश-विदेश से व्यापारियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है, बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां राज्य की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित किया जा रहा है।
बिहार म्यूजियम के एडिशनल डायरेक्टर अशोक कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को से खास बातचीत में बताया कि इस बार बिहार म्यूजियम का प्रदर्शन व्यापार मेले में एक महत्वपूर्ण आकर्षण बनकर उभरा है। यह मेला बिहार के लिए एक शानदार अवसर है। हम बिहार के विकास को दिखाने के लिए यहां आए हैं और अपने राज्य की संस्कृति, सभ्यता, कला और विरासत को पूरी दुनिया तक पहुंचाना चाहते हैं। इस बार बिहार म्यूजियम को विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया है, जो कि देश का सबसे नायाब म्यूजियम है।
उन्होंने कहा कि बिहार म्यूजियम न केवल अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि, इसका निर्माण भी एक अद्वितीय तरीका है। जापान के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट के द्वारा डिज़ाइन किए गए इस म्यूजियम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकसित किया गया है। बिहार म्यूजियम एक अद्भुत स्थल है, जहां लोग बिहार की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विविधता का अनुभव करते हैं। प्रतिदिन दो से तीन हजार लोग इस म्यूजियम को देखने आते हैं। हम चाहते थे कि दिल्ली के लोगों को भी बिहार म्यूजियम का अनुभव हो, इसीलिए हम यहां इसे प्रदर्शित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष के मेले में बिहार की कला और संस्कृति को दर्शाने वाले प्रमुख प्रदर्शनों में से एक है, बिहार के पद्मश्री सम्मान प्राप्त कलाकारों का लाइव पेंटिंग डेमो। बिहार में कला के क्षेत्र में विशेष पहचान रखने वाली मिथिला पेंटिंग और टिकली पेंटिंग की कला को प्रदर्शित करने के लिए यहां पर कई प्रसिद्ध कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। बिहार में पंद्रह पद्मश्री पुरस्कार विजेता हैं, जिनमें से नौ सिर्फ मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में हैं। यह भारतीय कला का एक अहम हिस्सा है। इस पवेलियन में चार पद्मश्री कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। खासतौर पर अशोक विश्वास और शांति देवी, जो मिथिला पेंटिंग और टिकली पेंटिंग के जाने-माने कलाकार हैं, यहां लाइव डेमो दे रहे हैं।
इसके अलावा, पवेलियन में बिहार के अन्य प्रसिद्ध कला रूप जैसे सिक्किम कला, मंजूसा आर्ट और टिकली पेंटिंग के कलाकार भी अपने उत्पादों के साथ उपस्थित हैं। इन कलाकारों के लाइव डेमो को देखकर मेले में आए लोग बिहार की पारंपरिक कला और संस्कृति के प्रति अपनी रुचि जता रहे हैं।