दिल्ली एमसीडी के मेयर और डिप्टी मेयर चुनावों में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी को यह समझना चाहिए कि वे जीतने के बाद भी खुश क्यों नहीं हैं? जब दिल्ली में दलित मेयर बनाने का समय आया था, तो आम आदमी पार्टी ने जानबूझकर आठ महीने तक दलित उम्मीदवार का हक रोके रखा। यह भारतीय जनता पार्टी का संघर्ष था कि आखिरकार इनको मजबूरी में चुनाव कराना पड़ा।
सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का दलित विरोधी चेहरा अब दिल्लीवासियों के सामने आ गया है। आपके पास ज्यादा नंबर थे, लेकिन जीतने के बाद भी आपकी खुशी झूठी है। आपके पार्षद आपके खिलाफ वोट दे रहे हैं, यह एक बड़ा संदेश है। अब अरविंद केजरीवाल को सोचना चाहिए कि क्या उन्हें पार्टी का संयोजक बने रहना चाहिए या नहीं।
दिल्ली में ग्रैप-3 लागू होने पर उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता हमेशा दिल्ली के बच्चों और बुजुर्गों की सेहत थी। हम चाहते थे कि प्रदूषण का असर दिल्लीवासियों पर न पड़े, लेकिन यह स्थिति दिल्ली की वर्तमान सरकार की नाकामी का परिणाम है। अरविंद केजरीवाल की सरकार ने पिछले 10 साल में प्रदूषण को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए। अब दिल्ली के लोग इसकी सजा भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे प्रतिबंध लगाए जाते हैं, आम जनता का कामकाज प्रभावित होता है, लेकिन उनकी जान बचानी सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी प्रदूषण पर कोई ठोस नीति बनाने में विफल रही है और अब दिल्लीवासियों को खुद अपना ध्यान रखना होगा क्योंकि सरकार उनकी मदद नहीं करने वाली है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए बनाए गए ग्रीन वॉर रूम पर वीरेंद्र सचदेवा ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि गोपाल राय केवल इवेंट करते हैं, उनके पास प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। अब हर मोबाइल फोन में प्रदूषण की जानकारी देने वाले ऐप्स उपलब्ध हैं, लोग खुद देख सकते हैं कि दिल्ली के किस इलाके में प्रदूषण का स्तर कितना है। गोपाल राय सिर्फ अपनी खबरें छपवाने के लिए इवेंट आयोजित करते हैं, लेकिन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उनके पास कोई ठोस कदम नहीं है। वह अब तक के सबसे असफल पर्यावरण मंत्री साबित हुए हैं।
आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान को बेल मिलने पर वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि बेल मिलने का मतलब यह नहीं है कि आप उस अपराध से मुक्त हो गए हैं। यह सिर्फ कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा है। हर अपराधी को बेल मिलती है, और कानून अपना काम करेगा। जब समय आएगा, तो उन्हें सजा भी मिलेगी।