आयोग ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के मुख्य सतर्कता अधिकारी को इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
इस मामले में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने 21 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत दर्ज की थी। मुख्य सतर्कता आयुक्त को लिखित शिकायत में विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास की आंतरिक साज-सज्जा और सुविधाओं पर अत्यधिक खर्च किया। इन वस्तुओं पर किए गए भारी खर्च से उच्च स्तर के भ्रष्टाचार की बू आती है और इस मामले में तत्काल जांच की आवश्यकता है। करदाताओं के पैसे का इस प्रकार दिखावटी सुधार कार्यों पर खर्च होना, सवाल खड़े करता है। केजरीवाल ने जनता के कल्याण के बजाय व्यक्तिगत विलासिता को प्राथमिकता दी है, जो सरासर गलत है।
एक वीडियो संदेश जारी करते हुए विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि शीश महल के खुलासे से आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पूरी तरह से बेनकाब हो गए है। उनका दोहरा चरित्र जनता के सामने आ गया है। एक तरफ राष्ट्रपति भवन में चप्पल पहनकर जाते हैं और दूसरी तरफ शीश महल बनवाते हैं और उसमें तमाम सुख सुविधाओं वाले सामान लगवाते हैं। शीश महल में तमाम महंगी एसी और साढ़े पांच करोड़ रुपए के पर्दे हैं। इसके साथ-साथ वहां पर शौचालय तीन-तीन करोड़ रुपए में बने हैं। केजरीवाल ने सरकारी धन का दुरुपयोग करके अपने ऐशो आराम की पूरी व्यवस्था के साथ राजमहल तैयार करवाया है। जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। हम चाहते हैं कि सच्चाई जल्द से जल्द सामने आएं।
उन्होंने आगे कहा कि मैंने केंद्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। जिसपर आयोग ने संज्ञान लेते हुए जांच का आदेश दिया है। केंद्रीय सतर्कता आयोग ने मेरी शिकायत को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग यानी सीपीडी के सीईओ को सौंप दिया है। वह इस पर अब तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करेंगे और आगे की कार्रवाई करेंगे। केजरीवाल का सच और झूठ आप सबके सामने है। हमारी मांग है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग सख़्त से सख्त कार्रवाई करे और दोषों के खिलाफ उनके आरोप तय करके उनको सजा दें। दिल्ली की यमुना मैली की मैली है। दिल्ली की बस्तियों में शौचालय की सुविधा बद से बदतर है। वहीं केजरीवाल ने आलीशान शीश महल बनाकर केवल मौज करने का काम किया है। ऐसे लोगों को सबक सिखाया जाना जरूरी है।