उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत पीड़ा हुई कि प्रधानमंत्री की रैली में अपेक्षित संख्या में लोग नहीं आए। इससे साफ जाहिर होता है कि लोगों में अब उनका भाषण सुनने का कोई उत्साह नहीं रह गया है। महाराष्ट्र की जनता अब उनसे ऊब चुकी है।
संजय राउत ने कहा कि प्रधानमंत्री की रैली में कोई नहीं आया। इससे साफ जाहिर है कि अब कोई उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री के बगल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बैठे हुए थे। मैं यहां कहना चाहूंगा कि अब लोग एकनाथ शिंदे को सुनने के लिए भी तैयार नहीं हैं। महाराष्ट्र की जनता अब उनसे भी ऊब चुकी है।
संजय राउत ने कहा कि भाजपा ने मुंबई को लूटा है। इसी वजह से लोगों में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की कार्यप्रणाली को लेकर गुस्सा है। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में कोई भी उन्हें सुनने के लिए तैयार नहीं है।
उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनावी नतीजों में यह साफ हो जाएगा कि सूबे में कौन-सी पार्टी कितने पानी में है।
इसके साथ ही संजय राउत ने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने उद्धव ठाकरे की ओर इशारा करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र में मौजूद एक राजनीतिक दल का रिमोट कंट्रोल कांग्रेस के हाथ में है।
उन्होंने ऐसा कहकर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना की ओर इशारा किया था।
इस पर संजय राउत ने कहा कि शिवसेना को तोड़कर आपने जो अलग शिवसेना बनाई है, उसका रिमोट कंट्रोल तो आपके हाथ में होगा। लेकिन, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम अपना रिमोट कंट्रोल भाजपा को देने वाले नहीं हैं, इसलिए प्रधानमंत्री नाराज हैं।
वहीं, संजय राउत ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया है कि आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को हार का मुंह देखना होगा, क्योंकि इस बार प्रदेश में महाविकास अघाड़ी की सरकार आने जा रही है।
उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे को हार का मुंह देखना होगा। एकनाथ शिंदे ना ही इस बार सीएम बनेंगे और ना ही नेता प्रतिपक्ष। इस बार प्रदेश में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने जा रही है।
इसके अलावा, संजय राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने एक रहेंगे, तो सेफ रहेंगे का नारा दिया था।
प्रधानमंत्री ने गुरुवार को महाराष्ट्र के शिवाजी पार्क में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि मुंबई आत्मसम्मान का शहर है। लेकिन, यहां एक पार्टी ने अपना रिमोट कंट्रोल उन लोगों को सौंप दिया, जिन्होंने बाला साहेब ठाकरे का अपमान किया था। इसी को देखते हुए मैंने उन्हें चुनौती दी थी कि अगर उनमें हिम्मत है, तो वो बाला साहेब ठाकरे की प्रशंसा उन लोगों (कांग्रेस) से करवा कर दिखाएं, तो मैं मान जाउंगा। लेकिन, आज तक यह लोग बाला साहेब ठाकरे की प्रशंसा नहीं करवा पाए।
बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को होगी।
इसी दिन साफ हो जाएगा कि सूबे में किसकी सरकार बनने जा रही है। फिलहाल, सभी दलों के नेता महाराष्ट्र की राजनीतिक परिस्थिति को अपने पक्ष में करने के लिए जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं।