उन्होंने से बात करते हुए कहा, “दिल्ली को सुरक्षित रखने के लिए दिल्ली के राज्यपाल ने कुछ एजेंसियों को निर्देशित किया है कि वे रोहिंग्या द्वारा किए जा रहे अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई करें, क्योंकि ऐसी शिकायतें विभिन्न व्यापारी संगठनों और नागरिकों द्वारा सामने आ रही हैं। जबकि आम आदमी पार्टी के नेता इसे राजनीतिक नजरिए से देखते हुए इस पर आपत्ति जता रहे हैं, यह समझना जरूरी है कि अगर दिल्ली और उसके निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है, तो इसमें गलत क्या है? दिल्ली को सुरक्षित और मजबूत बनाने के लिए जो भी कदम उठाए जा रहे हैं, उनका समर्थन किया जाना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “आम आदमी पार्टी, जो एक विशेष वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए तुष्टिकरण की राजनीति करती है, इस कार्रवाई से असहज महसूस कर रही है। लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि दिल्ली की सुरक्षा और उसके निवासियों की भलाई सर्वोपरि है। ऐसे प्रयासों का स्वागत किया जाना चाहिए, ताकि दिल्ली सुरक्षित हाथों में रहे और इसके नागरिकों को शांति और सुरक्षा का अनुभव हो।”
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राज्य में रोहिंग्या मुस्लिमों की उपस्थिति के शक में पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए कि वे दिल्ली में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए एक महीने का विशेष अभियान चलाएं। साथ ही केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय करके अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई करें। साथ ही उन्होंने दिल्ली नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद व दिल्ली के मुख्य सचिव को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए थे।
इस पर आम आदमी पार्टी (आप) ने भाजपा पर अपने फायदे के लिए रोहिंग्या मुस्लिमों का मुद्दा उठाने की बात कही थी। आप ने कहा था कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि अवैध प्रवासी हमारे देश में कैसे प्रवेश कर रहे हैं। आप ने यह भी आरोप लगाया था कि इसके लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और गृह मंत्रालय जिम्मेदार हैं।
ज्ञात हो कि दिल्ली के नजफगढ़ स्थित सब्जी मंडी में रेहड़ी-पटरी वालों को अपने ठेले पर अपना नाम और फोन नंबर लिखने का फरमान मार्केट एसोसिएशन ने जारी किया गया था। तब स्थानीय पार्षद और मार्केट एसोसिएशन ने कहा था कि इस कदम का उद्देश्य अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों को वहां सब्जी बेचने से रोकना है। मार्केट एसोसिएशन ने सभी विक्रेताओं को अपने ठेले पर एक नेम प्लेट पर नाम और फोन नंबर लिखने का निर्देश भी दिया है। तबसे रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में आ गया है।