सपा सांसद आरके चौधरी ने इसको बड़ी घटना बताते हुए इसमें सरकार और सरकारी मशीनरी पर लापरवाही का बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान इस पर है कि देश हिंदू-मुसलमान के नाम पर बंटा रहे, ये संविधान के खिलाफ है। सरकार को संविधान के हिसाब से काम करना चाहिए, लेकिन वो अस्पताल नहीं संभाल पा रहे हैं और हिंदू-मुसलमान करने में लगे हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग और पूरी सरकार इसकी दोषी है, जितनी भी निंदा की जाए वो कम है। इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सपा नेता ने तंज कसते हुए कहा कि जिस पार्टी का नेता थाली पीट कर कोरोना भगा देता है, वो देश के स्वास्थ्य विभाग, पढ़ाई-लिखाई और विज्ञान का कितना ध्यान रखेगा। ऐसे में जैसे नेता, वैसी उनकी सरकार।
हादसे से पहले चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा था कि सभी पार्टियां संप्रदाय विशेष को बिरयानी में मौजूद तेज पत्तों की तरह चाट कर फेंक देती हैं। इसको लेकर सपा नेता ने कहा कि वो पढ़े-लिखे नेता हैं, लेकिन वो भाजपा की भाषा बोलते हैं। जब वो बसपा में थे, तो उनकी भाषा ठीक थी, लेकिन आज भाषा उल्टी है। सीएम और डिप्टी सीएम पदों पर मौजूद व्यक्ति को संयमित भाषा बोलनी चाहिए क्योंकि देश में गलत संदेश जा रहा है।
ब्रजेश पाठक के इस बयान पर कि अगर मुसलमान वोट सपा से खिसक जाए तो पार्टी दो टके की रह जाएगी। इस पर आरके चौधरी ने कहा कि भाजपा को अपनी हरकत ठीक करनी चाहिए। देश में जैसे दलित और पिछड़ा अपने आप को हतोत्साहित महसूस करता है, वैसे आजादी के बाद से खासकर भाजपा के शासनकाल में मुसलमान महसूस करता है। उच्च वर्ग के लोग आगे बढ़े हैं और कमजोर और पिछड़े वर्ग के लोग भी आगे बढ़ें, यह सोच होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे को गलत बताते हुए सपा सांसद ने कहा कि न कोई बंटेगा न कोई कटेगा। इस देश में शासन और प्रशासन में जिस कौम के लोग नहीं बैठते, उसके साथ इंसाफ नहीं होता है।