नई दिल्ली, 19 नवंबर ( आईएएनएस): । भारत के अपतटीय प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और समीक्षा को लेकर मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई। इस बैठक में अपतटीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा पर चर्चा हुई। इस सुरक्षा बैठक में भारतीय तटरक्षक बल, नौसेना, वायु वायुसेना और अन्य कई एजेंसियां शामिल हुई।
अपतटीय सुरक्षा समन्वय समिति (ओएससीसी) की यह 136वीं बैठक भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने आयोजित की। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक बैठक का उद्देश्य देश के अपतटीय प्रतिष्ठानों की सुरक्षा की तैयारियों और प्रभाव की समीक्षा करना था। 19 नवंबर को हुई अपतटीय सुरक्षा समन्वय समिति (ओएससीसी) की यह बैठक हैदराबाद में आयोजित की गई।
अपतटीय सुरक्षा समन्वय समिति की इस बैठक में आईसीजी महानिदेशक, प्रमेश शिवमणि ने ऊर्जा सुरक्षा के महत्व के बारे में बात की। आईसीजी महानिदेशक ने यहां अपतटीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव उपाय करने पर बल दिया। सुरक्षा समन्वय समिति की बैठक में भारतीय तटरक्षक बल, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु वायुसेना, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम, हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय और डीजी शिपिंग सहित संबंधित मंत्रालयों और एजेंसियों के सदस्यों और प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
इस समिति का गठन 1978 में अपतटीय सुरक्षा व्यवस्था के कामकाज को प्रभावी बनाने के लिए किया गया था। उस समय से इसने नीतियां निर्माण करने और संबंधित मुद्दों पर सलाह देने और समाधान करने में प्रभावपूर्ण योगदान दिया है। इससे पहले हाल ही में भारत और श्रीलंका ने अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अपराधों से निपटने के लिए साझा रणनीति पर चर्चा की थी। इस विषय पर भारत और श्रीलंका के बीच महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय बैठक हुई है।
इस बैठक में मादक पदार्थों की तस्करी, समुद्री यात्राओं पर निकले नाविकों की सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। अंतरराष्ट्रीय समुद्री अपराधों पर लगाम लगाने के लिए दोनों देशों ने अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी।
भारत और श्रीलंका की यह वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) और श्रीलंका तटरक्षक (एसएलसीजी) के बीच कोलंबो में आयोजित की गई थी। भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक डीजी के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय आईसीजी प्रतिनिधिमंडल इस चर्चा में शामिल हुआ था।