पत्रकारों ने राकेश टिकैत से संभल की जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हुए बवाल पर सवाल किया। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि टीम को शांतिपूर्ण ढंग से सर्वे करने देना चाहिए। हमारा कहना है कि सर्वे कर लो, जो जिसकी जगह है उसको दे दो।
जिले में ही नहीं पूरे राज्य में डीएपी खाद की समस्या देखी जा रही है, हर साल जब गेहूं की बुवाई का समय आता है तब डीएपी की समस्या किसानों को होती है। किसान यूनियन इसके लिए क्या कदम उठाएगी। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि डीएपी सरकार, अधिकारी और व्यापारी के पेट में है। डीएपी व्यापारी की दुकान में मिलेगी। जो ब्लैक करता हुआ पकड़ा जाए उसे पकड़ लो।
डीएपी की इस बीमारी से भी दूर रहना चाहिए। आज से 40 साल पहले क्या डीएपी थी। हमारे पुरखों ने बिना डीएपी के खेती की थी। आने वाले समय में समस्या और बढ़ेगी। हमें धीरे-धीरे अपनी ऑर्गेनिक खेती की तरफ चलना पड़ेगा। इसका यही समाधान है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम 26 तारीख को हर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करेंगे। इसमें भूमि अधिग्रहण, किसान की जमीन की नीलामी, डीएपी, फसलों का दाम, एमएसपी कानून से संबंधित सवाल रहेंगे।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून लाना चाहिए। यह साल 2014 में आना चाहिए था। लेकिन यह इसको लाएंगे नहीं। आने वाले 2050 तक जनसंख्या का विस्फोट होगा। पर्यावरण की समस्या बढ़ेगी, वाहनों की संख्या बढ़ेगी और प्रदूषण बढ़ेगा।
सबसे पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून को लाना चाहिए। यह देश हम सभी का है, सभी की जिम्मेदारी बनती है कि पेड़ लगाएं और जनसंख्या को कंट्रोल करें। उन्होंने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस देश को तो लेबर कंट्री बनाना है। भारत सरकार का उसी पर अभियान चल रहा है।